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राहुल गाँधी की “भारत तोड़ो” राजनीति पर कांग्रेस में ही उठे विरोध के सुर, कद्दावर नेता आनंद शर्मा ने खड़गे को लिखा खत

राहुल गाँधी की "भारत तोड़ो" राजनीति पर कांग्रेस में ही उठे विरोध के सुर, कद्दावर नेता आनंद शर्मा ने खड़गे को लिखा खत

Congress leader Anand Sharma says Rahul Gandhi's caste census promise disrespects Indira Gandhi's legacy

नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। कांग्रेस के युवराज राहुल गाँधी की भारत तोड़ो राजनीति पर अब कांग्रेस में ही विरोध के सुर उठने लग गए हैं। इस संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को खत लिखकर राहुल गाँधी के भारत विरोधी नीतियों से उन्हें अवगत कराया। खत में उन्होंने लिखा है कि जिस तरह की राजनीति राहुल गाँधी कर रहे हैं वो एक तरह से इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी की परंपरा अपमान है।

जातिगत जनगणना पर ऐतिहासिक रुख से पलट रही कांग्रेस

आनंद शर्मा ने अपने खत में लिखा कि राहुल गाँधी जिस जातिगत जनगणना के मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे हैं और कांग्रेस पार्टी ने चुनाव में जीत के बाद जिस जातिगत जनगणना को कराने की बात कही है, वो कांग्रेस के ऐतिहासिक रुख से ठीक उलट है। इस नीति पर चलने से कांग्रेस को नुकसान ही होगा, क्योंकि विपक्षी भी उसे खूब निशाना बनाएँगे।

न जात पर, न पात पर…नारे का किया जिक्र

आनंद शर्मा ने अपने खत में इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी के चुनावी नारे ‘न जात पर, न पात पर… मोहर लगेगी हाथ पर’ का भी जिक्र किया। ता दें कि इस नारे को सबसे पहले इंदिरा गाँधी ने साल 1980 में दिया था और ये नारा कुछ समय पहले तक इस्तेमाल भी होता रहा है, खासकर उन हिंदी भाषी राज्यों में, जहाँ जाति आधारित राजनीतिक पार्टियाँ सक्रिय हैं।

जी-23 टीम का हिस्सा थे आनंद शर्मा

आपको बता दें, आननद शर्मा कांग्रेस के विद्रोही गुट जी-23 टीम का हिस्सा थे। इस गुट ने साल 2021 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को तीखा पत्र लिखा था और पार्टी की संरचना और कार्यप्रणाली में बदलाव लाने की बात कही थी। हालाँकि अब इन नेताओं में कई नेता पार्टी छोड़ गए हैं, तो कईयों को हाशिये पर ढकेल दिया गया है।

गौरतलब है कि आनंद शर्मा का ये पत्र ऐसे समय पर सामने आया है, जब लोकसभा चुनाव में पार्टी उतर चुकी है। ये पत्र कांग्रेस के चुनाव प्रचार के लिए बेहद घातक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि एक तरफ वो जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है, तो दूसरी तरफ आनंद शर्मा ने इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी का नाम लेकर और कांग्रेस के सियासी इतिहास को सामने रखकर कांग्रेस के दावों की हवा निकाल दी है।

 

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