नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Tejas MK1A: भारत के दुश्मनों के लिए बुरी खबर है। दरअसल, भारतीय वायुसेना के लिए बनाये जा रहे LCA Tejas MK1A ने अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। यह सफल उड़ान बेंगलुरु के एचएएल फैसिलिटी में पूरी हुई। अपनी पहली उड़ान के दौरान यह विमान 18 मिनट तक हवा में रहा। इसका टेल नंबर LA5033 है।
HAL achieved this significant production milestone with concurrent design & development amid major supply chain challenges in the global geo-political environment subsequent to the contract signature in February 2021.
The flight was piloted by CTP, Gp Capt K K Venugopal (Retd). pic.twitter.com/0qpJqyIb1H— HAL (@HALHQBLR) March 28, 2024
आपको बता दें, तेजस का पिछला वर्जन मार्क 1A पहले ही वायुसेना में शामिल हो चुका है। ऐसे में नया वर्जन पुराने वर्जन से कितना अलग है और कैसे यह चीन-पाकिस्तान के छक्के छुड़ा देगा इन सभी सवालों के जवाब इस आर्टिकल में है।
सबसे पहले तो जानें Tejas MK1A की खासियत
- Tejas MK1A अपने पिछले वैरिएंट Tejas MK1 का अपग्रेडेड वर्जन है। यह 4.5 पीढ़ी का विमान है।
- इस विमान में इजरायली ELTA-2052 AESA रडार लगा है। आगे चल कर इस रडार की जगह स्वदेशी उत्तम AESA रडार लगाया जाएगा।
- इस विमान में अमेरिकी General Electric F404-GE इंजन लगा है। जो इसे मेक 1.8 लगभग 2,220 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम स्पीड से उड़ने में सक्षम बनाता है।
- यह विमान 50000 फ़ीट की ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम है।
- इसका खाली वजन 6,560 किलो है। हथियार और ईंधन के साथ इसका अधिकतम वजन 13,500 किलो है।
- इसमें 8 हार्ड पॉइंट्स है जिन पर यह अलग-अलग तरह के हथियार ढो सकता है।
घातक हथियारों से लैस है स्वदेशी Tejas MK1A
- हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की बात करें तो यह विमान स्वदेशी Astra MK1 मिसाइल, इजरायली I-Derby ER और Python-5, ब्रिटिश ASRAAM मिसाइल और रूसी R-73 मिसाइल फायर करने में सक्षम है। भविष्य में इसे 160 किलोमीटर रेंज वाली Astra MK2 और 350 किलोमीटर रेंज वाली Astra MK3 मिसाइल से लैस करने की योजना है।
- हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों की बात करें तो यह स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल Rudram-1, फ्रांस में निर्मित हैमर मिसाइल और रूस में निर्मित Kh-59ME, Kh-59L, Kh-59T जैसी मिसाइल को फायर करने में सक्षम है। भविष्य में इसे स्वदेशी ब्रह्मोस-NG से भी लैस करने की योजना है।
- इसके अलावा यह कई तरह के देशी-विदेशी गाइडेड-अनगाइडेड बम ले जाकर दुश्मन के छक्के छुड़ा सकता है।
पुराने वर्जन से कितना अलग है Tejas MK1A
नए वर्जन में अत्याधुनिक AESA रडार लगा है जो पुराने वर्जन में नहीं था। इसके अलावा नए वर्जन को अत्याधुनिक मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD), एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस किया गया है।
क्यों चीन-पाकिस्तान पर भारी पड़ेगा अपना तेजस
आपको बता दें, Tejas MK1A में कम्पोजिट मटेरियल का अधिक मात्रा में प्रयोग किया है और साथ ही विमान की बॉडी पर रडार अब्सॉर्बेंट मटेरियल का प्रयोग किया है। इस कारण इसका रडार क्रॉस-सेक्शन अपनी पीढ़ी के विमानों से बेहद कम है। युद्ध की स्थिति में दुश्मन का रडार इसे आसानी से नहीं पकड़ पायेगा जिसके चलते इस विमान को रोकना चीन-पाकिस्तान के लिए टेढ़ी-खीर साबित होगा।
भारत को मिलेंगे ऐसे 180 विमान
बता दें, भारतीय वायुसेना ने 83 LCA Tejas MK1A तेजस खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ करार किया है। जबकि अतिरिक्त 97 Tejas MK1A विमान की खरीद को रक्षा खरीद परिषद पहले ही मंजूरी दे चुकी है। यानि वायुसेना ऐसे 180 विमानों को अपने बेड़े में शामिल करेगी।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना वर्तमान में तेजस के पुराने वैरिएंट Tejas MK1 के 40 विमानों को ऑपरेट कर रही है। इन्हे भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया गया है।
पीएम मोदी भी तेजस में भर चुके हैं उड़ान
उल्लेखनीय है कि, पीएम मोदी भी तेजस में उड़ान भर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु में पिछले साल 25 नवंबर को तेजस फाइटर प्लेन में उड़ान भरी थी। तब पीएम ने कहा था कि तेजस में सफलतापूर्वक सॉर्टी की। ये गजब का अनुभव रहा। इस उड़ान से मेरे अंदर देश की स्वदेशी क्षमताओं पर भरोसा और बढ़ गया है।
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