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चीन से मुकाबले के लिए भारत से लड़ाकू विमान खरीद सकता है ये देश, टेंशन में ड्रैगन

नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। चीन की दादागिरी से परेशान दक्षिण चीन सागर का एक देश भारत से लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रहा है। इस देश का नाम फिलीपींस है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फिलीपींस भारत द्वारा स्वदेशी तौर पर निर्मित तेजस लड़ाकू विमान का एडवांस्ड मार्क 1A संस्करण खरीदने की तैयारी कर रहा है। भारत ने भी अभूतपूर्व कदम उठाते हुए फिलीपीन्‍स को अपने देश में ही इन लड़ाकू विमानों को बनाने का प्रस्‍ताव दिया है।

फिलिपींस को चाहिए 12 से 16 लड़ाकू विमान
फिलिपींस को 12 से 16 फाइटर जेट की जरूरत है। इसलिए वह तेजस फाइटर जेट और उससे दागी जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों पर भी विचार कर रही है। अगर फिलिपींस भारत के साथ यह डील करता है, तो चीन के लिए यह बड़ी मुसीबत होगी। क्योंकि तेजस फाइटर जेट और ब्रह्मोस मिसाइल का कॉम्बीनेशन बेहद खतरनाक है।

फिलिपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की जरूरत
आपको बता दें, चीन से मुकाबले के लिए फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन फिलिपींस के हक़ वाले समुद्र पर अपना दावा जताता है और बार-बार अपने युद्धपोत भेजकर फिलीपींस को धमकाने की कोशिश करता है। हाल ही में फिलीपींस ने भारत से एंटी-शिप ब्रह्मोस मिसाइलों की तीन बैटरी खरीदी है। लेकिन यह काफी नहीं है। यदि फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस तेजस विमानों को भी खरीदता है तो चीन के युद्धपोत फिलीपींस की समुद्री सीमा के निकट आने में कतराएंगे।

तेजस और ब्रह्मोस के कॉम्बिनेशन से क्या फायदा होगा
आपको बता दें, ब्रह्मोस दुनिया की गिनी-चुनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है, जो कहीं से भी दागी जा सकती है। यह मिसाइल 200 से 300 किलो परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जा सकती है। यह 800 किलोमीटर तक टारगेट को सटीकता से निशाना बना सकती है। यह समंदर से कुछ फीट ऊपर उड़ान भरती है। इसलिए राडार पर दिखती नहीं है। इसकी अधिकतम स्पीड 3704 किलोमीटर प्रतिघंटा है। तेजस के साथ इसका कॉम्बिनेशन इसे और भी घातक बनाता है। क्योंकि तेजस का आकार छोटा होने के कारण इस विमान को दुश्मन का रडार आसानी से नहीं पकड़ सकता। ऐसे में तेजस चीनी युद्धपोतों के बेहद नजदीक जाकर उन्हें निशाना बना सकता है।
इसके अलावा तेजस में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें Astra Mark 1, R-73, I-Derby, Python-5 भी लगी हैं जो इसे बेहद घातक बनाती हैं। भविष्य में ASRAAM, Astra Mark 2और Astra Mark 3 लगाने की भी प्लानिंग है।

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