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अमेरिका ने UNSC में दिया इजरायल को धोखा, गाजा में युद्धविराम को लेकर प्रस्ताव पर नहीं लगाया वीटो

What is the proposal passed for Ceasefire in Gaza and why Israel got angry on USA - अमेरिका ने UNSC में दिया इजरायल को धोखा, गाजा में युद्धविराम को लेकर प्रस्ताव पर नहीं लगाया वीटो - Ujjwal India Latest News

proposal passed for ceasefire in Gaja

संयुक्त राष्ट्र, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Ceasefire in Gaza: सुपर पावर अमेरिका के साथ अपनी दोस्ती की मिसालें देने वाला इजरायल अब उसी अमेरिका से नाराज हो गया है। मामला संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् (UNSC) में गाजा को लेकर तत्काल युद्धविराम प्रस्ताव से जुड़ा है।

दरअसल, इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र में गाजा को लेकर तत्काल युद्धविराम (Immediate Ceasefire in Gaza) पर एक प्रस्ताव पास हुआ है। अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल नहीं किया और वोटिंग से किनारा कर लिया इस कारण UNSC में यह प्रस्ताव आसानी से पारित हो गया। इसी के चलते इजरायल अमेरिका से नाराज हो गया है। अब न चाहते हुए भी इजरायल को गाजा में युद्धविराम करना पड़ेगा। यदि ऐसा वह नहीं करता है तो उसे कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

इजरायल ने क्या कहा?

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “जब अल्जीरिया और अन्य देश मिलकर प्रस्ताव लाए तो रूस और चीन भी उनके साथ हो गए। इस प्रस्ताव में केवल सीजफायर की बात कही गई है। बंधकों की रिहाई से संबंधित कोई बात है ही नहीं। अमेरिका को वीटो पावर का इस्तेमाल करना चाहिए था। अफसोस है कि अमेरिका ने अपनी नीति ही छोड़ दी और वोटिंग से अलग हो गया।”

बेंजामिन नेतन्याहू

नेतन्याहू ने अमेरिका के मतदान से दूर रहने को गलत बताया और कहा,’वीटो का इस्तेमाल ना करके अमेरिका UNSC में शुरू से चले आ रहे अपने स्टैंड से भागना चाहता है। अब हमास की उम्मीद बढ़ेगी कि अंतरराष्ट्रीय दबाव में इजरायल सीजफायर की बात मानने को मजबूर हो जाएगा। अब तो बंधकों की रिहाई की बात ही नहीं होगी।

इजरायल ने रद्द की अमेरिका यात्रा

अमेरिका द्वारा वीटो पावर का इस्तेमाल न करने के चलते इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा को रद्द कर दिया है। इस यात्रा के दौरान दक्षिणी गाजा में राफाह पर जमीनी आक्रमण की इस्राइली योजनाओं पर चर्चा होनी थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

बता दें, अमेरिका ने पहले भी युद्धविराम की मांग करने वाले ऐसे ही प्रस्तावों पर वीटो किया था और कहा था कि बंधकों की रिहाई के बिना युद्धविराम संभव नहीं। लेकिन अब वही अमेरिका अपनी बात से मुकर चुका है।

अमेरिका की प्रतिक्रिया

मतदान से दूरी बनाने पर अमेरिका की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड के अनुसार युद्धविराम प्रस्ताव पारित करने में देरी हुई है और इसके लिए हमास को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘हम प्रस्ताव की हर बात से सहमत नहीं थे, यही कारण था कि अमेरिका अनुपस्थित रहा।’

अमेरिका ने कहा, हम राफाह बॉर्डर पर चल रहे युद्ध के विकल्प पर चर्चा करना चाहते थे। इजरायल का इस तरह से इनकार करना निराशाजनक है। अमेरिका ने कहा, हमारे विचार में कोई बदलाव नहीं आया है। राफाह पर जमीनी हमला करना नुकसानदेह हो सकता है।

प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 14 वोट

गाजा में युद्ध विराम से जुड़े प्रस्ताव के पक्ष में 14 वोट डाले गए। अमेरिका एकलौता देश था जो युद्धविराम के प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा। मोजाम्बिक के राजदूत पेरो अफोंसो ने 10 निर्वाचित अस्थाई सदस्य देशों की ओर यह प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव के मसौदे में ‘स्थाई’ युद्धविराम शब्द का इस्तेमाल किया गया था, जिसे बदल कर “तुरंत’ युद्धविराम कर दिया गया।

बता दें, 7 अक्तूबर 2023 को इस्राइल पर हमास के हमलों और उसके बाद गाजा में इस्राइल की जवाबी कार्रवाई के बाद से अब तक सुरक्षा परिषद में इस विषय पर कई प्रस्ताव लाए जा चुके हैं। मगर, सुरक्षा परिषद के कुछ स्थाई सदस्य देशों (चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका) ने अपने वीटो अधिकार के जरिये नकार दिया। लेकिन इस बार अमेरिका की अनुपस्थिति के चलते यह बिना किसी समस्या के पारित हो गया।

प्रस्ताव में क्या माँग रखी गयी

War in Gaza

संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा?

यूएन ने कहा है कि गाजा में जारी लड़ाई और इस्राइली बमबारी के बीच जल और विद्युत व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसके अलावा यहां मानवीय सहायता को प्रभावित इलाकों में पहुंचाने के मार्ग बंद हैं। गाजा में मृतक संख्या और भूख व कुपोषण से प्रभावित फलस्तीनियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इसके मद्देनजर लड़ाई को जल्द से जल्द रोके जाने और मानवीय पीड़ा पर मरहम लगाने की मांग भी प्रबल हो रही थी।

 

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