Mallikarjun Kharge : कर्नाटक का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस की तरफ से कई फ्री वाले वादे किये गए थे. इन फ्री वाले वादों को गारंटी का नाम दिया गया था. इन्ही गारंटियों के झांसे में आकर कर्नाटक की जनता ने वहां कांग्रेस की सरकार तो बना दी लेकिन अब इन्ही गारंटियों को पूरा करने के चक्कर में सिद्धारमैया सरकार ने राज्य के खजाने को बट्टा लगा दिया है. आर्थिक हालात इस कदर ख़राब हो चुके हैं कि कर्मचारियों को तन्खवा देने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
इसी सिलसिले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने पार्टी नेताओं को जमकर खरी-खरी सुनाई है. खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने साफ कहा कि उतनी ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें. वरना सरकार दिवालियापन की तरफ चली जाएगी. उन्होंने (Mallikarjun Kharge) कहा कि कांग्रेस इकाईयां अपने बजट के अनुसार गारंटी की घोषणा करें.
खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने क्यों दिया यह बयान?
दरअसल, हाल ही में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस की पांच गारंटियों में से एक “शक्ति योजना” को रद्द करने का संकेत दिया था. इस योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा का लाभ दिया जाता है. डीके शिवकुमार ने कहा था कि सरकार महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की ‘शक्ति’ योजना पर पुनर्विचार करेगी क्योंकि उनमें से कुछ अपनी टिकट के लिए भुगतान करना चाहती हैं.
क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge)
चुनाव अभियान में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र के वादों पर चर्चा के दौरान खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने डीके शिवकुमार की जमकर खिंचाई की. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हम लोगों ने पांच गारंटी देने का वादा किया था. इसी की देखा-देखी हमने महाराष्ट्र में भी यही वादा किया. आज आपलोग कह रहे हैं कि एक गारंटी को कैंसिल करना पड़ेगा.
खड़गे (Mallikarjun Kharge) की खिंचाई के बाद सफाई देते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, “मैंने ऐसा नहीं कहा है.” इसपर खरगे (Mallikarjun Kharge) ने पलटवार करते हुए कहा, “आप अखबार नहीं पढ़ रहे हैं. लेकिन मैंने पढ़ा है. इसलिए यह बातें कह रहा हूं.”
इसके बाद खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने पार्टी नेताओं को चेताया और कहा, यदि आप बजट पर विचार किए बिना वादे करते हैं तो यह दिवालियापन की ओर ले जाएगा. सड़कों पर रेत डालने के भी पैसे नहीं होंगे. अगर यह सरकार असफल हुई तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा. इससे बदनामी होगी और सरकार को अगले दस वर्षों तक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए बजट पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है. उतनी ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें.
पीएम नरेंद्र मोदी ने किया पलटवार
खड़गे (Mallikarjun Kharge) के इसी बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (01 नवंबर) को कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस बुरी तरह से बेनकाब हो चुकी है.
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कांग्रेस पार्टी को यह एहसास हो रहा है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना मुश्किल या असंभव है. वे लगातार प्रचार अभियान चलाकर लोगों से वादे करते रहते हैं, लेकिन उन्हें पता है कि वे कभी उन्हें पूरा नहीं कर पाएंगे. अब, वे लोगों के सामने बुरी तरह बेनकाब हो चुके हैं!”
अपना हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज कांग्रेस की सरकार वाले किसी भी राज्य – हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना – पर नजर डालिए, विकास की गति और राजकोषीय स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.”
उन्होंने आगे कहा, “उनकी तथाकथित गारंटी अधूरी रह गई है, जो इन राज्यों के लोगों के साथ एक भयानक धोखा है. ऐसी राजनीति के शिकार गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं, जिन्हें न केवल इन वादों के लाभों से वंचित किया जाता है, बल्कि उनकी मौजूदा योजनाओं को भी कमजोर किया जाता है.”
पीएम मोदी ने बताया किस तरह काम करती है कांग्रेस?
पीएम मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी विकास के काम करने के बजाय पार्टी की अंदरूनी राजनीति और लूट में व्यस्त है. इतना ही नहीं, वे मौजूदा योजनाओं को भी वापस लेने जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता. तेलंगाना में किसान अपने वादे के मुताबिक कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं. इससे पहले छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उन्होंने कुछ भत्ते देने का वादा किया था, जो पांच साल तक लागू नहीं हुए. कांग्रेस किस तरह काम करती है, इसके कई उदाहरण हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “देश की जनता को झूठे वादों की कांग्रेस प्रायोजित संस्कृति से सावधान रहना होगा! हमने हाल ही में देखा कि कैसे हरियाणा के लोगों ने उनके झूठ को नकार दिया और एक स्थिर, कार्रवाई से प्रेरित सरकार को प्राथमिकता दी. पूरे भारत में यह अहसास बढ़ रहा है कि कांग्रेस को वोट देना अशासन, खराब अर्थव्यवस्था और बेशुमार लूट के लिए वोट देना है. भारत के लोग विकास और प्रगति चाहते हैं, वही पुराना तरीका नहीं.”
The Congress Party is realising the hard way that making unreal promises is easy but implementing them properly is tough or impossible. Campaign after campaign they promise things to the people, which they also know they will never be able to deliver. Now, they stand badly…
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2024
चुनाव में कांग्रेस ने दी थी ये पांच गारंटी…
बताते चलें कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने लोगों के सामने पांच बड़ी गारंटी दी थीं. इनमें गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपए, युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रेजुएट्स को दो साल के लिए 3 हजार रुपए, डिप्लोमाधारकों को 1500 रुपए, अन्न भाग्य योजना में गरीबी रेखा के नीचे हर परिवार को हर महीने प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम चावल, सखी कार्यक्रम के तहत महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा और गृह ज्योति योजना के तहत हर घर को 200 यूनिट मुफ्ट बिजली दिए जाने का वादा किया था.
वित्तीय संकट से जूझ रही है कर्नाटक सरकार
जानकारों का कहना था कि अगर कांग्रेस पांचों गारंटी पूरा करती है तो इससे कर्नाटक का राजस्व घाटा 60 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा. जो राज्य के कुल बजट का लगभग साढ़े 21 प्रतिशत भाग है. कर्नाटक पर अभी लगभग पांच लाख करोड़ रुपये का पहले से कर्ज है. ऐसे में ये कर्ज और बढ़ सकता है. सरकार के पास विकास करने के लिए पैसे भी नहीं बचेंगे.
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