अयोध्या, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा लेकर CSIR-NBRI के वैज्ञानिकों ने रामलला के लिए खास हर्बल गुलाल तैयार किए हैं। धुलंडी के दिन अवधपुरी के भव्य-दिव्य-नव्य मंदिर में विराज रहे श्री रामलला इस बार इसी गुलाल से होली खेलते नजर आएंगे।
कचनार के वृक्ष से तैयार हुआ है रामलला के लिए खास गुलाल
वैज्ञानिकों ने इस खास गुलाल को कचनार के फूलों से तैयार किया है। यह गुलाल औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण है। बता दें, त्रेतायुग में कचनार अयोध्या का राज्य वृक्ष था। ऐसे में इस गुलाल से भारत को प्राचीन विरासत को सम्मान मिला है।
मुख्यमंत्री योगी को सौंपा गुलाल
यही नहीं वैज्ञानिकों ने गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर के चढ़ाए हुए फूलों से भी एक हर्बल गुलाल तैयार किया है। बुधवार को संस्थान के निदेशक ने दोनों खास गुलाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट किए। कचनार फूलों का गुलाल लैवेंडर फ्लेवर में है, जबकि गोरखनाथ मंदिर के चढ़ाए फूलों से बने गुलाल चंदन फ्लेवर में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विशेष पहल की सराहना की है।
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कचनार में होते हैं औषधीय गुण
आपको बता दें, कचनार को त्रेतायुग में अयोध्या का राज्य वृक्ष माना जाता था और यह हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की सुस्थापित औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल आदि गुण भी होते हैं। इन हर्बल गुलाल का परीक्षण किया जा चुका है और यह मानव त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है।
निदेशक ने बताया कि इन हर्बल गुलाल में रंग चमकीले नहीं होते क्योंकि इनमें लेड, क्रोमियम और निकल जैसे केमिकल नहीं होते हैं। फूलों से निकाले गए रंगों को प्राकृतिक घटकों के साथ मिला कर पाउडर बनाया जाता है इसे त्वचा से आसानी से पोंछ कर हटाया जा सकता है। गुलाल की बाजार में बेहतर उपलब्धता के लिए हर्बल गुलाल तकनीक को कई कंपनियों और स्टार्ट-अप्स को हस्तांतरित किया गया हैं।