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ईडी की हिरासत में पत्र लिखना CM केजरीवाल को पड़ सकता है भारी, दर्ज हो सकता है केस

Delhi CM Arvind Kejriwal, currently in jail for Delhi liquor scam case, may face a new legal case – Ujjwal India Latest News

Delhi CM Arvind Kejriwal

नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Arvind Kejriwal: दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) एक और नयी मुसीबत में फंस सकते है। ईडी की हिरासत में रहते हुए लिखित आदेश जारी करने के मामले में उन पर नई गाज गिर सकती है।

दरअसल, सीएम केजरीवाल ने ईडी की हिरासत में रहते हुए दो आदेश पत्र जारी किये हैं। एक आदेश पत्र मोहल्ला क्लीनिक से जुड़ा है जिसमें उन्होंने निर्देश दिया है कि मोहल्ला क्लीनिक में मुफ्त दवाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। वहीँ दूसरा आदेश पत्र पानी के टैंकरों से जुड़ा है जिसमें उन्होंने दिल्ली में गर्मी को देखते हुए पानी के टैंकरों की पर्याप्त व्यवस्था करने का आदेश दिया है।

हिरासत में रहते कोई आदेश जारी नहीं कर सकते Arvind Kejriwal

गौरलतब है कि सीएम केजरीवाल कानूनी रूप से हिरासत में रहते हुए मुख्यमंत्री के तौर पर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं कर सकते। लेकिन अब तक दो ऐसे पत्र सामने आ चुके हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उस पर अरविंद केजरीवाल ने हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे में यदि यह सिद्ध हो जाता है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की हिरासत में रहते हुए उक्त आदेश पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, तो इस मामले में उन पर नया केस दर्ज किया जा सकता है।

कानून के जानकार कहते हैं कि यदि किसी पत्र पर अरविंद केजरीवाल ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं, लेकिन बाहर किसी व्यक्ति ने किसी पत्र को उनका पत्र बताकर जनता के सामने पेश कर दिया है, तो यह एक फ्रॉड की श्रेणी में आता है। इस मामले में उस पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जा सकता है। ऐसे में यदि बिना उनके हस्ताक्षरित पत्रों को उनका पत्र बताकर मीडिया के सामने पेश किया गया है, तो इस मामले में मंत्री आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज फंस सकते हैं, जिन्होंने उक्त पत्रों को केजरीवाल का पत्र बताकर मीडिया के सामने पेश किया है।

इस्तीफ़ा देने के मूड में नहीं केजरीवाल

दरअसल, दिल्ली शराब नीति घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा था कि वे जेल से ही सरकार चलाएँगे। इसके बाद उन्होंने रविवार (24 मार्च 2024) को अपना पहला आदेश जारी किया था। यह निर्देश जल मंत्रालय से संबंधित था। इस विभाग को मंत्री आतिशी मार्लेना संभाल रही है। वहीँ केजरीवाल ने मंगलवार को दूसरा निर्देश जारी किया, जो सौरभ भारद्वाज के स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित है। दोनों मंत्रियों ने इन आदेश पत्रों को केजरीवाल द्वारा हस्ताक्षरित पत्र बताकर जनता के सामने पेश किया था।

भाजपा ने उपराज्यपाल से की शिकायत

वहीँ इस मामले पर भाजपा हमलावर है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चिट्ठी को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और ईडी से शिकायत की है। उन्होंने इस चिट्ठी को गैरकानूनी, असंवैधानिक और मुख्यमंत्री कार्यालय का दुरूपयोग बताया है।

सिरसा का कहना है कि कानूनन कोई भी नेता ईडी की हिरासत में बंद होने के बाद इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकता। यदि ये पत्र सही हैं, तो अरविंद केजरीवाल ने ये पत्र कैसे लिखे, इसकी जांच होनी चाहिए। और यदि ये पत्र फर्जी हैं और अरविंद केजरीवाल ने नहीं लिखे हैं, तो उन लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए जो एक पत्र को फर्जी तरीके से मुख्यमंत्री का पत्र बता रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सीधे-सीधे धोखाधड़ी का मामला है, और इस पर जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।

केजरीवाल के इस्तीफे को लेकर भाजपा का प्रदर्शन

भाजपा जेल में होने के कारण अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की माँग कर रही है। भाजपा ने मंगलवार (26 मार्च 2024) को सीएम केजरीवाल के इस्तीफे की माँग को लेकर दिल्ली सचिवालय की ओर विरोध मार्च निकाला। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछारें कीं।

सीएम केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा का प्रदर्शन

इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दो’, ‘इस्तीफा दो इस्तीफा दो, केजरीवाल इस्तीफा दो’, ‘गली-गली में शोर है केजरीवाल चोर है’ के नारे लगाए।

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