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ED justifies Arvind Kejriwal’s arrest to SC in affidavit - Delhi Liquor Policy Scam CaseED ने हलफनामे में केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया

नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Delhi Liquor Policy Scam Case: दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की एक याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में ईडी ने केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। साथ ही कहा है कि अरविंद केजरीवाल से अन्य कैदियों से अलग व्यवहार इसलिए नहीं किया जा सकता कि वे राजनेता हैं। एजेंसी ने कहा कि ऐसा करना मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत निहित समानता के अधिकार के सिद्धांत का उल्लंघन होगा।

ईडी ने क्या कहा?

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कई समन जारी किए जाने के बावजूद उन्होंने सहयोग नहीं किया है। उन्हें कुल 9 बार समन भेजा गया था। नौ समन के बावजूद अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश न होकर पूछताछ से बच रहे थे।

ED ने हलफनामे में कहा कि घोटाले की अवधि के दौरान 36 व्यक्तियों द्वारा लगभग 170 से ज़्यादा मोबाइल फोन बदले गए और नष्ट कर किये गए। एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि उनकी गिरफ्तारी आगामी लोकसभा चुनावों के कारण हुई है। ईडी ने कहा है कि चाहे कोई कितने भी ऊंचे पद पर बैठा हो अगर उसके खिलाफ ठोस सबूत हैं तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। अगर अरविंद केजरीवाल की ये दलील स्वीकार कर ली जाती है तो फिर अपराध मे शामिल राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट मिल जाएगी।

ईडी ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली शराब घोटाले में उत्पन्न अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी है। अपराध की आय का एक हिस्सा लगभग 45 करोड़ रुपये की नकदी का उपयोग AAP के 2022 गोवा विधानसभा चुनाव अभियान में किया गया है। इस तरह, AAP ने अरविंद केजरीवाल के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया है। यह अपराध धारा 70, पीएमएलए 2002 के अंतर्गत आते हैं’।

ईडी ने हलफनामे में कहा है कि अरविंद केजरीवाल उत्पाद शुल्क नीति तय करने में भी शामिल थे, जैसा कि गवाहों के बयानों से स्पष्ट है। इसके अलावा वह रिश्वत की मांग में भी शामिल है, जिसने अन्य बातों के साथ-साथ अपराध को आगे बढ़ाया है। इसलिए, न केवल आम आदमी पार्टी (आप) बल्कि अरविंद केजरीवाल को पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराधों का दोषी माना जाएगा, बल्कि उन पर पीएमएलए की धारा 70 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा और भी दंडित किया जाएगा।

किस याचिका पर ईडी ने हलफनामा दायर किया?

अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले में ED द्वारा की गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में केजरीवाल ने तर्क दिया था कि अगर उन्हें आगामी चुनाव में हिस्सा लेने के लिए तुरंत रिहा नहीं किया जाता है तो इससे विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने की गलत परंपरा स्थापित होगी। ऐसा कहकर उन्होंने याचिका पर तत्कालीन सुनवाई की मांग की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।

हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए ईडी को 24 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि मामले की सुनवाई 29 अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह में होगी।

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