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आ गया CAA…, लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक

CAA rules implemented in country (FilePhoto)

नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। केंद्र की मोदी सरकार ने आखिरकार CAA (नागरिकता संशोधन कानून) की अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद पूरे देश में CAA कानून लागू हो गया है। बता दें, इस कानून को दिसंबर, 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था। लेकिन कोरोना के चलते इसे लागू नहीं किया गया था। हालाँकि अब लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ ही सप्ताह पहले इसे अधिसूचित कर दिया गया है। इसे मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है।

किन लोगों को मिलेगी नागरिकता?
सीएए के अमल में आ जाने के बाद अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को यहां पांच साल तक निवास करने के बाद भारतीय नागरिकता दी जा सकेगी। इस कानून से मुसलमानों को बाहर रखा गया है।

नागरिकता पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी एप्लाई कर सकता है। आवेदकों को वह साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। नागरिकता से जुड़े जितने भी ऐसे मामले पेंडिंग हैं वे सब ऑनलाइन कन्वर्ट किए जाएंगे। पात्र विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उसके बाद गृह मंत्रालय जांच करेगा और नागरिकता जारी कर देगा।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
आपको बता दें, मोदी सरकार के इस कदम के बाद देश में कई जगह विरोध प्रदर्शनों की आशंका है, जिसके लिए पुख्ता कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली, असम और पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक हंगामे के आसार हैं। जब 2019 में CAA लाया गया था, तब दिल्ली के शाहीन बाग़ में खातूनों ने महीनों धरना दिया था, जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी एक तरह से बंधक बन गई थी और लोगों को आवाजाही में खासी परेशानी हुई थी। इसकी अधिसूचना नहीं जारी की जाती तो इस कानून को फिर से पारित कराना पड़ता। इससे बचने के लिए ये कदम उठाया गया है। ये पहले ही साफ़ किया जा चुका है कि CAA किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं, देने के लिए है।

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यूपी के सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट रहने के निर्देश
CAA लागू होने के बाद यूपी में सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों को अलर्ट रहने का आदेश दिया है। तीन दिन पहले भी डीजीपी प्रशांत कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सभी जिलों में तैनात अफसर को सीएए लागू होने की संभावना को लेकर सतर्क रहने के आदेश दिए थे। अब नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सभी संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती के साथ विशेष सतर्कता रखने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी डीजीपी मुख्यालय से नजर रखी जा रही है।
वहीँ, दिल्ली में भी पुलिस अलर्ट मोड में है। त्रिलोकपुरी, सीलमपुर समेत तमाम संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। नॉर्थ-ईस्ट और साउथ-ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेज ने फ्लैग मार्च किया।

भाजपा बोली- जो कहा सो किया
अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, जो कहा सो किया। मोदी सरकार ने नागरिकता संसोधन कानून अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी।

कांग्रेस ने किया विरोध
सीएए का नोटिफिकेशन जारी होने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा है, “दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है।”

जयराम रमेश (File Photo)

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये भी लिखा, “नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में। यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।

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