नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। बॉर्नविटा (Bournvita) नाम से हर कोई वाकिफ होगा। बच्चों का यह पसंदीदा ड्रिंक माना जाता है। लेकिन अब इसको लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के अनुसार अब बॉर्नविटा को हेल्थ ड्रिंक नहीं माना जाएगा। कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने सभी ई-कॉमर्स वेबसाइट को अपने प्लेटफार्म से बॉर्नविटा को ड्रिंक और बेवरेज की हेल्थ ड्रिंक की कैटेगरी से हटाने के लिए कहा गया है।
मानक के अनुरूप नहीं Bournvita
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने अपनी जांच में पाया है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) और Mondelez India Food Pvt Ltd (Bournvita बनाने वाली कंपनी) ने जो मानक तय किए थे, उसके हिसाब से बॉर्नविटा ‘हेल्थ ड्रिंक’ की कैटेगरी में फिट नहीं बैठता। लेकिन फिर भी ई-कॉमर्स कंपनियां इस पर ‘हेल्थ ड्रिंक’ का लेबल लगाकर बेच रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक FSSAI ने जांच में ये भी पाया कि डेयरी ड्रिंक, अनाज वाले ड्रिंक और फर्मेंटेड ड्रिंक (Malt drink) को ‘Proprietary food’ की कैटेगरी में लाइसेंस मिला है। लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियां इन्हें भी ‘एनर्जी’ या ‘हेल्दी ड्रिंक’ बताकर बेच रही हैं।
‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द परिभाषित नहीं – FSSAI
FSSAI ने साफ तौर पर बताया है कि FSS अधिनियम 2006 के तहत ‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द को अभी तक परिभाषित ही नहीं किया गया है। इसलिए, सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सलाह दी गई है कि वो अपनी वेबसाइटों पर ऐसी सभी ड्रिंक्स को ‘हेल्थ ड्रिंक/एनर्जी ड्रिंक’ की कैटेगरी से हटाकर उचित कैटेगरी में डालकर सुधार करें। इससे पहले 2 अप्रैल को FSSAI ने भी सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से अपनी वेबसाइट्स पर बेचे जाने वाले फूड प्रोडक्ट्स को उचित कैटेगरी में डालने को कहा था।
बॉर्नविटा पर पहले भी लगे आरोप
NCPCR को पहले भी Bournvita को लेकर शिकायत मिल चुकी है। रेवंत हिमतसिंगका नाम के शख्स ने वीडियो जारी कर के आरोप लगाया था कि बॉर्नविटा खुद को बच्चों की ग्रोथ और विकास में सुधार करने वाले ‘हेल्थ ड्रिंक’ के रूप में दिखाता है। लेकिन इसमें चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। शिकायत में कहा गया कि इस उत्पाद में और भी ऐसे पदार्थ होते हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
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