Fri. Mar 14th, 2025

नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उनके ‘सनातन धर्म’ वाले बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने स्टालिन से कहा है कि आपने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। आपको उसके परिणामों का एहसास होना चाहिए था, आप एक मंत्री हैं कोई आम आदमी नहीं।’
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिपण्णी उदयनिधि स्टालिन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दी, जिसमें उनके खिलाफ महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, बिहार, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी।

सुनवाई के दौरान क्या हुआ
सोमवार को जैसे ही याचिका पर सुनवाई शुरू हुई तब न्यायमूर्ति दत्ता ने स्टालिन के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा, “आपने अनुच्छेद 19(1)ए और 25 के तहत अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है। अब आप अनुच्छेद 32 के दायरे में आ गए हैं? आप जानते हैं कि आपने क्या कहा है ? आपको उसके परिणामों का एहसास होना चाहिए था, आप एक मंत्री हैं कोई आम आदमी नहीं।
इसके बाद सिंघवी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वह स्टालिन की टिप्पणियों को बिल्कुल भी उचित नहीं ठहरा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह छह राज्यों में एफआईआर का सामना कर रहे हैं। जब पीठ ने उन्हें संबंधित उच्च न्यायालयों में जाने की सलाह दी, तो सिंघवी ने जवाब दिया, “मुझे छह उच्च न्यायालयों में जाना होगा, मैं लगातार इसमें बंधा रहूंगा…यह अभियोजन पक्ष के समक्ष उत्पीड़न है।” इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अगले हफ्ते इस मामले पर सुनावाई करेंगे।

दिया था विवादित बयान
आपको बता दें, उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू मलेरिया से की थी। उन्होंने कहा था कि कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें जड़ से खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है।
सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि की टिप्पणियों पर पूरे देश में बड़ा बवाल मचा था। भाजपा ने उनके बयान की तीखी आलोचना की थी। भगवा पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने उदयनिधि स्टालिन के बयान की तुलना ‘यहूदियों के बारे में हिटलर के विचारों’ से की थी।

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