Thu. Mar 13th, 2025
सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र से तीन हफ़्तों में मांगा जवाबSupreme Court of India

नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA के विरोध में कई याचिकाएं अदालत में दायर की गईं हैं। इन सभी याचिकाओं पर मंगलवार 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल CAA पर किसी भी तरह की रोक लगाने से इनकार कर दिया है और केंद्र सरकार से तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।

केंद्र सरकार ने माँगा था 4 हफ्ते का समय

आपको बता दें, सुनवाई के दौरान सीजेआई ने केंद्र सरकार से पूछा कि CAA के नोटिफिकेशन पर रोक की मांग वाली याचिका पर जवाब देने के लिए उनको कितना समय चाहिए। जिस पर केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल ने 4 हफ्ते का का समय मांगा था। हालांकि अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को तीन हफ्ते का समय दिया है। मामले में अब अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।

यह भी पढ़ें : CAA में मुसलमानों को क्यों छोड़ा, शाह ने दिया जवाब

कपिल सिब्बल ने दिया केंद्र को समय देने का विरोध

याचिकाकर्ता में से एक की तरफ से पेश वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र को समय दिए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सीएए को चार साल हो गए। अगर एक बार लोगों को नागरिकता मिल गई तो फिर वापस करना मुश्किल होगा। इसके बाद ये याचिकाएं निष्प्रभावी हो जाएंगी। कपिल सिब्बल ने कहा कि ये नोटिफिकेशन इंतजार कर सकता है। हम समय का विरोध नहीं कर रहे, चार साल बाद ऐसी क्या अर्जेंसी है। इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने अदालत से CAA के नोटिफिकेशन पर फिलहाल रोक लगाए जाने की मांग की।

Kapil SIbbal (FIle Photo)

याचिकाकर्ताओं की एक अन्य वकील इंदिरा जयसिंह ने भी CAA के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की और सुझाव दिया कि मामले को बड़ी पीठ को भेजा जाना चाहिए। हालाँकि, CJI ने कहा कि केंद्र जवाब देने के लिए कुछ समय का हकदार है।

CAA पर रोक लगाने को लेकर अड़े रहे याचिकाकर्ता

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता CAA के नोटिफिकेशन पररोक लगाने पर अड़े रहे। लेकिन पीठ ने ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया। याचिकाकर्ताओं ने तब कहा कि केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को यह वचन देना चाहिए कि जब तक शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाएं लंबित हैं तब तक नियमों को लागू नहीं किया जाएगा और नागरिकता नहीं दी जाएगी।

तुषार मेहता ने किया इनकार

हालांकि, मेहता ने यह बयान देने से इनकार कर दिया कि केंद्र इस बीच किसी को नागरिकता नहीं देगा। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को नागरिकता दी जाए या नहीं, इससे कोई भी याचिकाकर्ता प्रभावित नहीं होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनता।

देश में 11 मार्च को लागू हुआ था CAA

आपको बता दें, बता दें कि केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता (संशोधन) नियम 2024 की अधिसूचना जारी की, जिसके बाद पूरे देश में सीएए का कानून लागू हो गया। सरकार के इस फैसले के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए गए अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता खुल गया।

CAA

इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी। हालाँकि, जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बस गए थे, सिर्फ उन्हें ही नागरिकता मिलेगी।

CAA के खिलाफ 200 से अधिक याचिकाएं दायर

आपको बता दें कि सीएए के खिलाफ 200 से ज्यााद याचिकाएं दायर हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।

नागरिकता के लिए कैसे करें आवेदन?

नागरिकता पाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही रखी गई है। जिसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जा चुका है। नागरिकता पाने के लिए आवेदकों को अपना वह साल बताना होगा जब उन्होंने बिना किसी दस्तावेज के भारत में प्रवेश किया था। आवेदक से किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

2 thought on “सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र से तीन हफ़्तों में मांगा जवाब”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *