बेंगलुरु, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Revolt in Karnataka Congress: हिमाचल के बाद अब कर्नाटक में भी कांग्रेस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बार संकट का कारण लोकसभा टिकट बंटवारे से जुड़ा है। इसके चलते कांग्रेस के पांच विधायकों (विधानसभा सदस्य) और दो एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) ने इस्तीफा देने की धमकी तक दे डाली है। विधायकों ने कहा कि वे ‘एक परिवार की गुलामी’ नहीं कर सकते।
इस बात से नाराज हैं कांग्रेस विधायक
दरअसल, कांग्रेस लोकसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक से उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। कांग्रेस ने इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद और 5 अन्य मंत्रियों के बच्चों को टिकट दिया है। इस तरह कांग्रेस के उम्मीदवारों में कम से कम 14 उम्मीदवार वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदार हैं। इससे कांग्रेस विधायक नाराज हो गए हैं।
विधायकों का गुस्सा और बढ़ गया जब कांग्रेस ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा के एक रिश्तेदार को भी कोलार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दे दिया।
क्या बोले विधायक
बागी विधायकों ने आरोप लगाया है कि पार्टी आलाकमान ने उनकी बातें सुनी लेकिन मांगों पर ध्यान नहीं दिया। विधायकों ने पार्टी पर परिवार के भीतर टिकट बांटने का आरोप लगाया है।
बागी विधायकों में से एक मौजूदा मंत्री एमसी सुधाकर का कहना है कि “हम चाहते हैं कि पार्टी में अन्य लोगों को भी टिकट मिले। हम सीएम सिद्दारमैया से भी बात करेंगे। हम मुनियप्पा के काम करने के तरीके से सहमत नहीं है। हमें लगता है कि हमारी लोकसभा सीट से अनुसूचित जाति समुदाय को सही प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। हम उनके परिवार के अलावा किसी अन्य को उम्मीदवार के तौर पर देखना चाहते हैं। हम ‘एक परिवार की गुलामी’ नहीं कर सकते।”
पार्टी नेताओं ने दावा किया कि जिन मंत्रियों के बच्चों को टिकट मिला उनमें से कुछ का नाम लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्ट में भी नहीं था। एक कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मंत्रियों के बच्चों को आम पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य उम्मीदवारों की तुलना में केवल धन और बाहुबल के कारण ही महत्व दिया गया है। कांग्रेस ने सिर्फ 10 सीटों पर बिना किसी राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा है।
ये 14 उम्मीदवार वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदार
खान एवं भूविज्ञान मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन की पत्नी प्रभा मल्लिकार्जुन को दावणगेरे से कांग्रेस ने टिकट दिया है। गन्ना और कपड़ा मंत्री शिवानंद पाटिल की बेटी संयुक्ता पाटिल को बागलकोट से मैदान में उतारा गया है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणा हेब्बालकर बेलगावी से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके भाई चन्नराज हट्टिहोली कांग्रेस एमएलसी हैं।
लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली को चिक्कोडी से मैदान में उतारा गया है, जबकि परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी और पूर्व विधायक सौम्या रेड्डी बेंगलुरु दक्षिण से चुनाव लड़ रही हैं। वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री ईश्वर खंड्रे के बेटे सागर खंड्रे को बीदर से मैदान में उतारा गया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद को गुलबर्गा से मिला है टिकट
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा की बहन गीता शिवराजकुमार, शिमोगा सीट से चुनाव लड़ेंगी। हावेरी-गडग सीट पर पार्टी ने आनंदस्वामी गद्दादेवरमठ को टिकट दिया है, जो शिराट्टी के पूर्व विधायक जीएस गद्दादेवरामठ के बेटे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को गुलबर्गा से टिकट दिया गया है।
कांग्रेस विधायक राघवेंद्र हितनाल के भाई राजशेखर हितनाल को कोप्पल सीट से मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस विधायक शरत बचेगौड़ा के रिश्तेदार वेंकटरामेगौड़ा मांड्या से पार्टी के उम्मीदवार हैं। हासन के उम्मीदवार श्रेयस पटेल पूर्व मंत्री पुट्टस्वामीगौड़ा के पोते हैं। कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों के लिए दो चरणों में 26 अप्रैल और 7 मई को मतदान होगा।
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