नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। EVM Hack: भारत के विपक्षी दल अक्सर ईवीएम हैक (EVM Hack) होने का दावा करते हैं। रविवार 17 मार्च को भी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक बार फिर दावा किया कि ईवीएम के बिना पीएम नरेंद्र मोदी कोई चुनाव नहीं जीत सकते। राहुल गाँधी के दावे में कितनी सच्चाई है इसकी पोल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार एक दिन पहले यानी 16 मार्च को खोल चुके है।
EVM 100 प्रतिशत सुरक्षित
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा करते हुए कहा कि कहा कि ईवीएम हैक (EVM Hack) नहीं सकती है। यह 100 प्रतिशत सुरक्षित है। इस देश की संवैधानिक कोर्ट- हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट मिलाकर, लगभग 40 बार ईवीएम की चुनौतियों को देख चुकी हैं। ये चुनौतियाँ थीं कि ईवीएम हैक हो सकती है, चोरी हो जाती है, 19 लाख गायब हैं, इसमें दिखाई नहीं देता है, ये कंप्यूटर से खराब हो जाती है, रिजल्ट बदल सकता है, मैन्युपुलेट हो सकता है। आदि आदि।”

ईवीएम पर उठाए गए सवालों हर बार अदालत ने किया ख़ारिज
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि “ईवीएम पर उठ रहे सवालों को हर बार कोर्ट ने रिजेक्ट किया है। कोर्ट ने कभी कहा- इसमें वायरस लग ही नहीं सकता। कभी कहा कि वोट बेकार नहीं हो सकते। कभी कहा कि हेराफेरी या छेड़छाड़ नहीं हो सकती है, कभी कहा कि ईवीएम एक फुलप्रूफ मशीन है और इसमें छेड़छाड़ की बात आधारहीन है।”

ईवीएम पर सवाल उठाने वालों पर जुर्माना लगना शुरू
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम को लेकर बार-बार ‘विलाप’ क्यों करना? कोर्ट भी आखिर उनकी बात कब तक सुनेगा? ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कोर्ट जाने वालों पर जुर्माना लगना शुरू हो गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। फिर सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। अभी हाल ही में माननीय उच्चतम न्यायालय ने एक पिटीशन खत्म की है।”
ईवीएम की भ्रांतियों को दूर करते हुए राजीव कुमार ने कहा, “किसी सूरत में ईवीएम हैक नहीं हो सकती। जो परिणाम आते हैं, वही इसके प्रमाण हैं।
आजकल एक्सपर्ट बनने का नया ट्रेंड शुरू हुआ
ईवीएम हैक होने का दावा करने वालों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “आजकल एक नया ट्रेंड शुरू हुआ एक्सपर्ट बनने का। आजकल एक-दो एक्सपर्ट चल रहे हैं सोशल मीडिया पर। उनकी कहाँ की डिग्री है, कहाँ के एक्सपर्ट हैं, उसे भी थोड़ा देखना चाहिए। वो बताते हैं कि ये डिब्बा है। ये टूलबॉक्स जैसा डिब्बा होता है। उसके अंदर क्या है, ये पता नहीं है। उस गत्ते के डिब्बे में से एक स्लीप भी निकलती है। वो धारणा भी हो जाती है कि ये स्लीप बदल गई, क्योंकि मैंने यहाँ बटन दबाया था और यहाँ ये गलत निकल गई।”
राजीव कुमार ने कहा कि जो खुद को एक्सपर्ट बताकर सोशल मीडिया पर इस तरह का दिखावा करते हैं, क्या वे ये बताते हैं कि उन्होंने क्या दबाया था। उन्होंने कहा कि वे ये भी नहीं बताते हैं कि उस तथाकथित बटन को दबाने से क्या निकला। राजीव कुमार ने कहा कि ईवीएम आने की वजह से ही आज छोटी-छोटी राजनीतिक दलों का अस्तित्व है। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर के जमाने में उनका उतना अस्तित्व नहीं था।
चुनाव से पहले तीन बार होता है मॉक पोल
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि “सारे ईवीएम का तीन-तीन बार मॉक पोल होता है। ये सब कैंडिडेट्स के सामने में होता है। हमने ईवीएम पर एक किताब बनाई है। इसमें सारे सवालों के जवाब हैं। ये हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। थोड़ा पढ़ने का तो कष्ट कीजिए, खासकर जो एक्सपर्ट महोदय हैं वे देखें। आजकल कोई भी एक्सपर्ट बना जाता है। किसी पर कोई रोक नहीं है।”

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया के सामने साफ शब्दों में कहा कि ईवीएम 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं। इसमें किसी तरह छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, “हमने पिछले दो सालों में इसमें कई और सुधार किए हैं। किस नंबर की ईवीएम किस बूथ पर जाएगी, वहाँ के कैंडिडेट को इसका नंबर दिया जाएगा। इसलिए इस पर संदेह की गुंजाइश नहीं है।”
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अधूरी हसरतों का इलजाम, हम पर लगाना ठीक नहीं
माहौल को हल्का-फुल्का करते हुए राजीव कुमार ने कहा, “रात को मुझे लगा कि इस पर प्रश्न आएगा जरूर। फिर रात में मैंने अपने हाथ कुछ लिखा। आपको सुनाता हूँ। ये ईवीएम कह रही है-
अधूरी हसरतों का इल्जाम,
हर बार हम पर लगाना ठीक नहीं।
वफा खुद से नहीं होती,
खता ईवीएम की कहते हो।
गोया परिणाम आता है,
तो उस पर कायम भी नहीं रहते।
[…] […]