नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। One Nation, One Election : एक देश एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनाई गयी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। यह रिपोर्ट कुल 18,626 पन्नों की है। इस रिपोर्ट में कई सुझाव दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद देशवासियों के मन में सवाल उठ रहा है कि इसे लागू कैसे किया जायेगा। ऐसे में आइये जानते हैं किस तरह 2029 तक हो सकते हैं पूरे देश में एक साथ चुनाव –
संविधान में करना पड़ेगा संशोधन
कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के लिए मोदी सरकार को विधेयक लाकर संविधान में संशोधन करना पड़ेगा। इसके लिए राज्यों से अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। इस लोकसभा चुनाव के बाद जब संसद की बैठक होगी तो इसके लिए संविधान संशोधन विधेयक लाया जा सकता है।
2029 तक होगा सभी विधानसभाओं का कार्यकाल
कोविंद कमेटी की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि “एक देश एक चुनाव” को लागू करने के लिए सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाया जाए। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 और 2028 के बीच गठित राज्य सरकारों का कार्यकाल 2029 तक होगा। इस तरह साल 2029 में होने वाले लोकसभा के चुनाव के साथ वहाँ विधानसभा के भी चुनाव होंगे।
कई राज्य सरकारों के कार्यकाल छोटे हो जाएँगे
इस रिपोर्ट के आधार पर कहा जा सकता है कि “एक देश एक चुनाव” प्रक्रिया को लागू करने में कई राज्य सरकारों के कार्यकाल छोटे हो जाएँगे। उदाहरण के लिए, अगर किसी राज्य सरकार का कार्यकाल 2025 में समाप्त होता है तो अगली सरकार के गठन के लिए वहाँ विधानसभा का चुनाव होगा। लेकिन, यह सरकार अगले पाँच साल की ना होकर सिर्फ चार साल की होगी, क्योंकि साल 2029 में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव साथ कराने की सिफारिश की गई है।
इसी तरह जिस राज्य सरकार का कार्यकाल साल 2027 में खत्म होता है और वहाँ विधानसभा का चुनाव होता है वह सरकार साल 2032 तक नहीं चलेगी। उस राज्य सरकार का कार्यकाल भी साल 2029 तक तक ही होगा, यानी सिर्फ दो साल का। इसी तरह 2028 के चुनाव वाले राज्य का कार्यकाल सिर्फ एक साल का होगा।
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मध्यावधि चुनाव हुए तो उसका क्या?
एक सवाल यह भी उठ रहा है कि 2029 के बाद यदि कोई विधानसभा समय से पहले गिर जाती है तो क्या होगा। कोविंद कमेटी की रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब भी दिया गया है। रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी अन्य घटना की स्थिति में नई सरकार के गठन के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। चाहे वह लोकसभा का मामला हो या विधानसभाओं का। इस प्रकार गठित नई सरकार का कार्यकाल भी लोकसभा की बची हुई अवधि के लिए ही होगा और कार्यकाल समाप्त होने के बाद सदन विघटित हो जाएगी।
इसे उदाहरण से समझिये
अगर साल 2029 में राजस्थान में कोई सरकार बनती है, लेकिन 2031 में वह सरकार गिर जाती है तो नए सिरे चुनाव कराए जा सकते हैं, लेकिन उस सरकार की अवधि अगले लोकसभा चुनाव यानी साल 2034 तक ही होगी। अगर केंद्र सरकार बहुमत खो देती है तो जरूरत पड़ने पर नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं, लेकिन लोकसभा की नै सरकार का भी कार्यकाल 2034 तक के लिए ही होगा।
लोकसभा-विधानसभाओं के बाद 100 दिनों के भीतर होंगे नगरपालिका एवं पंचायत चुनाव
रिपोर्ट में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद अगले चरण में नगरपालिकाओं और पंचायत चुनावों की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि लोकसभा के साथ होने वाले राज्य विधानसभाओं के चुनाव के 100 दिनों के भीतर नगरपालिका एवं पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए।
सभी चुनावों के लिए होगी एक ही वोटर लिस्ट और वोटर कार्ड
इसके अलावा, लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव और पंचायत चुनावों के लिए अलग-अलग मतदाता सूची और मतदाता फोटो पहचान पत्र तैयार करने की जगह एकल मतदाता सूची और मतदाता फोटो पहचान पत्र बनाने के लिए वर्तमान कानून में संशोधन की सिफारिश की गई है। इसके लिए समिति ने एक कार्यान्वयन समिति के गठन की सिफारिश की है।