मथुरा, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले के बीच मथुरा में भगवान कृष्ण के परपोते द्वारा बनवाये गए कुँए की पूजा के लिए हिन्दू पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। यह शाही ईदगाह की सीढ़ियों के पास स्थित है और इसका नाम कृष्णकूप है। हिन्दू पक्ष ने होली के मौके पर इस कुएं की पूजा करने की माँग की है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास की ओर से दाखिल की गई है याचिका
मिली जानकारी के मुताबिक यह याचिका श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह ने लगाई है। उन्होंने कहा है कि शाही ईदगाह विवादित ढाँचा में सीढ़ियों के पास बने कुँए पर लम्बे समय से हिन्दू पूजा करते आए हैं, लेकिन अब मुस्लिम इसमें व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं। यह कुआँ हिन्दुओं के लिए धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसका निर्माण श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था।
महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस कुएँ पर महिलाएँ होली के त्यौहार के बाद शीतला माता की पूजा करती हैं। यह पूजा लम्बे समय से होती आई है। लेकिन जबसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर हिन्दुओं ने सर्वे सहित अन्य माँगे चालू की हैं, तबसे मुस्लिम पक्ष इस पूजा में व्यवधान डालने लगा है। पिछली बार शाही ईदगाह पक्ष के लोगों ने हिंदू पक्ष की महिलाओं के पूजा का विरोध किया था, लेकिन प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से पुलिस बल की तैनाती के बाद कृष्ण कूप पर पूजा कराई थी।
महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि होली का पर्व नजदीक है और होली के बाद जब बासोड़ा का त्योहार आएगा तो हिंदू लोग वहां पर पूजा करने के लिए जाएंगे। ऐसे में यहाँ पर पूजा के दौरान किसी तरह का कोई व्यवधान पैदा ना हो, ऐसे में हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है। इस याचिका पर सुनवाई 13 मार्च, 2024 को हो सकती है।
पूजा पर रोक का कोई आदेश नहीं है
महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि कृष्णकूप के पूजा पर रोक का कोई भी आदेश ना तो प्रशासन की तरफ से है और ना ही कोर्ट की तरफ कोई आदेश दिया गया है। ऐसे में बिना किसी आदेश के मुस्लिम पक्ष प्राचीन काल से जो परंपरा चली आ रही है उसे रोकने का प्रयास कर रहा है।
क्या है शाही ईदगाह विवाद
आपको बता दें, शाही ईदगाह वर्तमान में विवादित है और इसको लेकर न्यायालयों में कई याचिकाएँ पड़ी हुई हैं। हिन्दू पक्ष का दावा है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म राजा कंस के कारागार में हुआ था और यह जन्मस्थान शाही ईदगाह के वर्तमान ढाँचे के ठीक नीचे है। सन् 1670 में मुगल आक्रांता औरंगज़ेब ने मथुरा पर हमला कर दिया था और केशवदेव मंदिर को ध्वस्त करके उसके ऊपर शाही ईदगाह ढाँचा बनवा दिया था और इसे मस्जिद कहने लगे। 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए हिन्दू यहाँ से शाही ईदगाह ढाँचे को हटाने की माँग करते रहे हैं।
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