नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस की मुसीबतें खत्म होती नहीं दिख रही हैं और अब उसे एक और बड़ा झटका लगा है। आयकर विभाग ने पिछले वर्षों के टैक्स रिटर्न में हुई कथित विसंगतियों के लिए कांग्रेस को 1823 करोड़ रुपये से अधिक का नया नोटिस भेजा है। पहले से ही धन के संकट से जूझ रही पार्टी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, ये राशि अभी बढ़ सकती है। आयकर विभाग 2021-22 से लेकर 2024-25 की इनकम का रीवैल्यूएशन का इंतजार कर रही है। इसकी कटऑफ तारीख रविवार को पूरी हो जाएगी।
आयकर विभाग और चुनाव आयोग BJP की कमी पर आंख बंद कर बैठे हुए हैं, उन्हें सिर्फ कांग्रेस नजर आती है।
BJP ने जिस तरह से IT विभाग के नियमों का उल्लंघन किया, उसकी समीक्षा से पता चलता है कि BJP पर सात साल में 4,600 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगती है।
लेकिन..
उन्हें नजरअंदाज कर 'BJP के… pic.twitter.com/c5BKHQoMl9
— Congress (@INCIndia) March 29, 2024
कांग्रेस की टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग का नया नोटिस 2017-18 से लेकर 2020-21 के लिए है। कांग्रेस के वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक के टैक्स रिटर्न में भारी विसंगतियां मिली है। 1823 करोड़ में विभाग की तरफ से जुर्माना और ब्याज दोनों शामिल है। ताजा नोटिस इस सप्ताह की शुरुआत में मिला है।
पहले भी कांग्रेस से 135 करोड़ वसूल चुका है आयकर विभाग
आपको बता दें, इससे पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस के खातों से ₹135 करोड़ की रिकवरी की थी। कांग्रेस से यह रिकवरी 2018-19 के लिए की गई थी। दरअसल, कांग्रेस ने वर्ष की आयकर भरने की अंतिम तारीख के एक महीने बाद अपने कागज जमा किए थे और साथ ही उन नियमों का उल्लंघन किया था जिसके अंतर्गत इसे आयकर भरने से छूट मिलती।
कांग्रेस ने इस वर्ष के आयकर दस्तावेजों में दिखाया था कि इसे चंदे में ₹14 लाख रूपए नकद में मिले। यह नियमों के विरुद्ध है। नियम है कि कोई भी पार्टी ₹2000 से अधिक का चंदा नकद में नहीं ले सकती। कांग्रेस ने इस नियम का उल्लंघन किया जिसके कारण इसे टैक्स में छूट नहीं मिली।
अदालत ने कहा- कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन
गौरतलब है कि एक दिन पहले यानि गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें इनकम टैक्स के अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ 4 साल की अवधि के लिए कर रीवैल्यूएशन कार्यवाही शुरू किए जाने को चुनौती दी गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे। आयकर अधिकारियों के पास उनके पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त और ठोस सबूत मौजूद थे। इनके आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। मौजूदा मामला आकलन वर्ष 2017 से 2021 तक का है।
दरअसल कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं में साल 2014-15,16 और 17 तक के आयकर विभाग की ओर से पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को भी चुनौती दी गई थी। इसमें आयकर विभाग का कहना था कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि पार्टी की बची हुई आय 520 करोड़ रुपए से अधिक है।
अभी और बढ़ सकता है जुर्माना
आपको बता दें, यह भी बताया जा रहा है कि आयकर विभाग अब 2014-15 से लेकर 2020-21 के अलावा 2021-22 से लेकर 2023-24 तक के टैक्स असेसमेंट का भी इन्तजार कर रहा है। यह असेसमेंट 31 मार्च, 2024 के बाद जारी किया जा सकता है। इसके बाद कुल मिलाकर पार्टी के ऊपर 10 वर्षों के टैक्स असेसमेंट का भार होगा। यानी आने वाले कुछ दिनों में कांग्रेस पर जुर्माना राशि और बढ़ सकती है।
इस मामले पर क्या बोली कांग्रेस
इस मामले पर कांग्रेस ने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आयकर विभाग ने टैक्स रिटर्न में कथित विसंगतियों के लिए 1823 करोड़ रुपये के भुगतान का नया नोटिस उसे जारी किया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि लोकसभा चुनाव से पहले ‘कर आतंकवाद’ (टैक्स टेररिज्म) के जरिये विपक्ष पर हमला किया जा रहा है।
पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया जिन मापदंडों के आधार पर कांग्रेस को जुर्माने के नोटिस दिए गए हैं उन्हीं के आधार पर भारतीय जनता पार्टी से 4600 करोड़ रुपये से आधिक के भुगतान की मांग करनी चाहिए।
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