नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। दिल्ली शराब घोटाला : दिल्ली हाईकोर्ट से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तगड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यानि अब ईडी के सामने केजरीवाल को गिरफ्तार करने का रास्ता साफ़ हो गया है।
आपको बता दें, बता दें कि ईडी ने नौंवा समन जारी कर अरविंद केजरीवाल को आज यानी 21 मार्च 2024 को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन अरविंद केजरीवाल अपनी गिरफ्तारी पर रोक के आदेश के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुँच गए थे। उन्होंने हाई कोर्ट से मांग की थी कि उनके खिलाफ ईडी गिरफ्तारी जैसा कदम न उठाए, इस बात की लिखित गारंटी भी दी जाए।
हाई कोर्ट ने ईडी से मांगे थे सबूत
केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि आपके पास क्या सबूत हैं कि अरविंद केजरीवाल को ईडी गिरफ्तार करना चाहती है। कोर्ट ने ईडी से सबूत भी माँगे थे, जिसके बाद ईडी ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सबूत दिखाए। सबूतों को देखकर हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया और उन्हें कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को पहले ही अग्रिम जमानत ले लेनी चाहिए थी। इसका मतलब है कि अरविंद केजरीवाल के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
ईडी ने हाई कोर्ट में पेश की दिल्ली शराब घोटाला मामले से जुड़ी सबूतों की फाइल
इससे पहले अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी से पूछा था कि वो अरविंद केजरीवाल को समन पर समन क्यों भेज रही है, क्यों नहीं गिरफ्तार कर रही है। इस पर ईडी के वकील एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि ईडी तो अरविंद केजरीवाल को सिर्फ पूछताछ के लिए बुला रही थी, पता नहीं कहाँ से अरविंद केजरीवाल खुद की गिरफ्तारी का हल्ला मचा रहे हैं। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गिरफ्तारी से जुड़ा कोई सबूत है, तो वो कोर्ट को दिखाया जाए। इसके बाद ईडी के अधिकारियों ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की फाइल दी थी।
हाई कोर्ट ने कहा – हम सबूतों को देखने के बाद राहत नहीं दे सकते
केजरीवाल की फाइल को देखने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वो गिरफ्तारी पर रोक जैसा आदेश इस मामले में नहीं दे सकती, क्योंकि सबूतों को देखने के बाद हम अंतरिम राहत नहीं दे सकते।
यह भी पढ़ें :
- UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता पर चीन ने लगाया अड़ंगा तो भारत ने दिया मुहतोड़ जवाब
- अरुणाचल है भारत का अभिन्न हिस्सा, अमेरिका के इस बयान से चीन को मिर्ची लगनी तय
- राहुल गाँधी की “भारत तोड़ो” राजनीति पर कांग्रेस में ही उठे विरोध के सुर, कद्दावर नेता आनंद शर्मा ने खड़गे को लिखा खत
- रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में रहने-बसने का अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट से बोली मोदी सरकार