नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने मोदी द्वारा लाये गए नए आपराधिक कानूनों की तारीफ की है। उन्होंने नए कानून लागू होने को देश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा पेश नए कानूनों को लेकर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन नए कानून समाज के लिए बेहद ही जरूरी है और देश न्याय प्रणाली में ऐसे बदलावों के लिए तैयार भी है।
भारत के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि नए अधिनियमित कानूनों ने आपराधिक न्याय पर भारत के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच एवं अभियोजन में कुशलता के लिए अत्यावश्यक सुधार किए गए हैं। पुराने तरीकों की सबसे बड़ी खामी पीड़ित पर ध्यान न दिया जाना था। नए कानून में इस बात का ध्यान रखा गया है कि अभियोजन और जांच कुशलता से हो सके। इसके साथ पीड़ित के हितों का भी ध्यान रखा गया है। छापेमारी के दौरान साक्ष्यों की ऑडियो विजुअल रिकॉर्डिंग अभियोजन पक्ष के साथ साथ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
अभी के समय के हिसाब से हैं नए कानून
सीजेआई चंद्रचूड़ ने ये स्वीकार किया कि नए आपराधिक कानून अभी के समय के हिसाब से हैं। उन्होंने बताया कि कैसे ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)’ के तहत 3 साल के भीतर सुनवाई पूरी करने और फैसला सुरक्षित रखने के 45 मिनट के भीतर सुनाने का प्रावधान है। हालाँकि, उन्होंने आशंका भी जताई कि अदालत के बुनियादी ढाँचे के निर्माण के साथ-साथ अभियोजन पक्ष को तकनीक और भौतिक संसाधन भी मुहैया कराने होंगे।
भारत नई चुनौतियों के लिए तैयार
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा इन तीनों कानूनों का संसद के माध्यम से अस्तित्व में आना इसका स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है, हमारा देश आगे बढ़ रहा है और हमें नई चुनौतियों और समाज के लिए आगे आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए नए उपकरणों की आवश्यकता है। चंद्रचूड़ के मुताबिक, नए कानून तभी सफल होंगे जब इन्हें लागू करने की जिम्मेदारी संभालने वाले लोग इन्हें अपनाएंगे।
अदालतों का भी होगा अपग्रेडेशन
सीजेआई ने कहा है कि भारत सरकार ने हाल ही में 7,000 करोड़ रुपए का बजट न्यापालिका के लिए आवंटित किया है, जिसका इस्तेमाल अदालतों के अपग्रेडेशन में किया जा रहा है। सीजेआई ने कहा कि नवंबर और 31 मार्च के बीच 850 करोड़ रुपए हार्डवेयर और सॉफ्ट वेयर को अपग्रेड करने में खर्च किए गए है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह हमेशा से घरेलू डिजिटल कोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की हिमायत करते रहे हैं।
1 जुलाई से लागू होंगे नए कानून
उल्लेखनीय है कि 17 वी लोकसभा के दौरान तीन अहम कानून संसद द्वार पारित किए गए थे। सरकार ने CRPC, IPC से लेकर Evidence Act को खत्म कर दिया है। नए कानून 1 जुलाई से लागू होंगे। 1 जुलाई से इंडियन पीनल कोड (IPC), 1860 की जगह लाए जा रहे नए कानून का नाम भारतीय न्याय संहिता 2023 होगा। इसी तर्ज पर क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 को लाया जा रहा है।
तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 25 दिसंबर को अपनी सहमति दे दी थी।
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