नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस (Congress) को एक और झटका लगा है। आर्थिक संकट से जूझ रही कांग्रेस को आयकर विभाग ने टैक्स से जुड़ा एक और नोटिस भेजा है। नए नोटिस में आयकर विभाग ने कांग्रेस को असेसमेंट ईयर 2014-15 से 2016-17 के लिए 1745 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है। इससे पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस को 1823 करोड़ का नोटिस भेजा था। इस तरह कुल रकम का आंकड़ा अब 3500 करोड़ के पार चला गया है। कांग्रेस को अब आयकर विभाग को कुल 3567 करोड़ रुपये चुकाने होंगे।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि उसे आयकर विभाग की ओर से नए नोटिस मिले हैं, जिसमें असेसमेंट ईयर 2014-15 (663 करोड़ रुपये), 2015-16 (करीब 664 करोड़ रुपये) और 2016-17 (करीब 417 करोड़ रुपये) का नोटिस थमाया है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स के अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली टैक्स में छूट को खत्म कर दिया है और पूरे जमा पैसों पर टैक्स लगा दिया।
थर्ड पार्टी एंट्रीज के लिए भी लगा टैक्स
सूत्रों ने यह भी कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा छापे के दौरान कांग्रेस के कुछ नेताओं से जब्त की गई डायरियों में की गई थर्ड पार्टी एंट्री पर भी कांग्रेस पर टैक्स लगाया है। इससे पहले आयकर विभाग कांग्रेस से 135 करोड़ वसूल चुका है।
Congress ने किया SC का रुख
कांग्रेस ने आयकर विभाग द्वारा जारी 135 करोड़ रुपये की वसूली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस मामले में सोमवार यानी एक अप्रैल को सुनवाई होने की संभावनाएं हैं।
पिछले हफ्ते, कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने दावा किया था कि बीजेपी ने महत्वपूर्ण कर उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि समान मानदंडों का उपयोग करते हुए, बीजेपी टैक्स में 4600 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी थी। आयकर विभाग को इस राशि के भुगतान के लिए बीजेपी से मांग करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा पर 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान टैक्स टेरेरिज्म में शामिल होने और प्रमुख विपक्षी दल को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का आरोप लगाया था।
हाईकोर्ट से लगा झटका
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने पार्टी को झटका दिया था। अदालत ने टैक्स अधिकारियों की ओर से उनके खिलाफ चार साल की अवधि के लिए टैक्स पुनर्मूल्यांकन प्रोसिडिंग (Tax Reassessment Proceedings) शुरू करने को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिकाओं को खारिज कर दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे। आयकर विभाग के पास उनके पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त और ठोस सबूत मौजूद थे। इनके आधार पर कार्रवाई शुरू की गई. मौजूदा मामला आकलन वर्ष 2017 से 2021 तक का है।
यह भी पढ़ें:
- दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में ईडी ने दाखिल की चार्जशीट, केजरीवाल को मिल चुका है समन
- कांग्रेस को बड़ा झटका, आयकर विभाग ने थमाया 1823 करोड़ रुपए का नोटिस
- अप्रैल-मई में झुलसा सकते हैं लू के थपेड़े, पड़ेगी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी