नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Chandrayaan-4 : चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक बार फिर इतिहास रचने में जुटा है। वह अपने अगले चंद्र मिशन की तैयारी में है। चंद्रमा पर भारत के इस अगले मिशन का नाम चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4) है। इसके तहत इसरो का अंतरिक्ष यान न सिर्फ चंद्रमा पर उतरेगा, बल्कि वहां से चट्टान और मिट्टी के नमूने लेकर धरती पर वापस भी आएगा। चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने के लिहाज से यह अभियान बेहद महत्वपूर्ण होगा।
अलग होगी चंद्रयान-4 की बनावट, दो चरणों में होगा लॉन्च
इस मिशन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे एक बार में नहीं बल्कि दो बार में लॉन्च किया जाएगा। दो अलग-अलग लॉन्च वेहिकल से इसे रवाना किया जाएगा। चंद्रयान-4 केवल चंद्रमा पर लैंड ही नहीं करेगा बल्कि उसकी सतह से मिट्टी और पत्थर लेकर वापस पृथ्वी पर लौटेगा।
चंद्रयान-4 की बनावट चंद्रयान-3 से अलग होगी। चंद्रयान-3 में मुख्य रूप से तीन कंपोनेंट-लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल थे जबकि चंद्रयान-4 में दो और कंपोनेंट (उपकरण) लगे होंगे, ये कंपोनेंट चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करेंगे और उन्हें लेकर वापस पृथ्वी पर आएंगे।
यह अपने आप में इस तरह का भारत का पहला मिशन है जब एक मिशन को पूरा करने में दो अलग-अलग लॉन्च व्हीकल शामिल किए जाएंगे। यदि भारत अपने मिशन में सफल हो हो जाता है तो चंद्रमा की सतह से नमूने धरती पर लाने वाला वह दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
क्या बोले इसरो चीफ डॉ सोमनाथ
चंद्रयान-4 के पांच कंपोनेंट एक साथ लॉन्च नहीं होंगे। इसरो चीफ के अनुसार भारत के सबसे भारी लॉन्च वेहिकल LVM-3 से चंद्रयान-4 के तीन कंपोनेंट रवाना किए जाएंगे। ये तीन कंपोनेंट प्रोपल्शन मॉड्यूल, डिसेंडर मॉड्यूल और एसेंडर मॉड्यूल हैं। इसकी लॉन्चिंग ठीक उसी तरह की होगी जैसी कि 2023 में चंद्रयान-3 की हुई थी। ट्रांसफर मॉड्यूल और री-एंट्री मॉड्यूल को पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल (PSLV) से छोड़ा जाएगा। हालांकि, कौन सी लॉन्चिंग पहले होगी इसके बारे में इसरो ने अभी खुलासा नहीं किया है। इस मिशन को लेकर इसरो आने वाले दिनों में और ज्यादा जानकारी देगा।
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