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दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन या जेल से सरकार चलाएंगे CM केजरीवाल? जानें क्या कहता है संविधानक्या जेल से सरकार चला सकते हैं अरविंद केजरीवाल?

नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन : दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। यह संकट तब खड़ा हुआ है जब मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरफ से उनके मंत्री कह रहे हैं कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है। जब बहुमत है तो मुख्यमंत्री त्यागपत्र क्यों दें। केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे।

आपको बता दें आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि कोई मुख्यमंत्री जेल से सरकार चला रहा हो। हाल ही में जमीन घोटाला मामले में ईडी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से ठीक पहले इस्तीफा देकर अपने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारियां अपने छोटे भाई चम्पई सोरेन को सौंप दी थी।

इसके अलावा तमिलनाडु में जयललिता भी मुख्यमंत्री पद पर रहते गिरफ्तार हुई थीं। उसके बाद पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया था। बिहार में लालू प्रसाद यादव ने गिरफ्तार होने के बाद अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था। उन्होंने भी गिरफ्तारी के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अरविंद केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने का अधिकार है?

क्या कहते हैं कानून के जानकार

कानून के जानकर कहते हैं कि इस मामले में संविधान चुप है। संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि सरकार का मुखिया जेल में चला जाए और वहीं से सरकार चलती रहे। हालाँकि जेल से सरकार नहीं चला करती। देश में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।

कई कामकाजों में मुख्यमंत्री की उपस्थिति अनिवार्य

कानून के जानकारों के मुताबिक ऐसे कई कामकाज होते हैं, जिनके लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति अनिवार्य होती है। सरकार में कई तरह के कामकाज होते हैं। कैबिनेट बैठक के अलावा भी कई तरह की कमेटियों की बैठक होती है, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री को करनी होती है। सरकार में कई तरह के गोपनीय निर्णय भी लेने होते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री की सहमति एवं उपस्थिति जरुरी मानी जाती है। निर्णय हवा में नहीं लिए जाते।

राष्ट्रपति के पास मुख्यमंत्री को हटाने का अधिकार

अगर मौजूदा स्थिति में अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ते हैं तो सरकार के पास उन्हें पद से हटाने यानी डिसमिस करने का ही विकल्प बचता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 239AA, जो दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को विशेष दर्जा प्रदान करता है, उसमें सरकार चलाने के प्रावधानों का उल्लेख है। इनमें यह प्रावधान भी है कि राष्ट्रपति की इच्छा तक ही मुख्यमंत्री अपने पद पर काम कर सकते हैं। वे कभी भी सीएम का इस्तीफा ले सकते हैं।

उपराज्यपाल लिखे राष्ट्रपति को खत

दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति को लिखें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, अपना पद नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति उन्हें पद से हटा सकते हैं। अगर मुख्यमंत्री डिसमिस होते हैं तो इसका मतलब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की भूमिका सबसे अहम है। राष्ट्रपति की इच्छा, उपराज्यपाल का लिखना या मुख्यमंत्री का डिसमिस होना, ये सारे काम गृह मंत्रालय के तहत होते हैं।

 

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