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सरबजीत सिंह के हत्यारे की पाकिस्तान में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से भूना

Sarabjit Singh's killer Amir Sarfaraz shot dead by unknown men in Lahore

लाहौर, उज्जवल इंण्डिया न्यूज़ डेस्क। Sarabjit Singh: पाकिस्तान के लौहार से एक बड़ी खबर आई है, जहां  भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह के हत्यारे अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में बाइक सवार हमलावरों ने सरफराज पर फायरिंग कर दी। इसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। हमलावरों का पता लगाया जा रहा है।

बता दें कि सरबजीत को पाकिस्तानी अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया था और 2013 में लाहौर जेल के अंदर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप अमीर सरफराज पर लगा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरबजीत सिंह की हत्या पॉलीथिन से गला घोंटकर की गई थी। सरबजीत सिंह को हत्या से पहले बुरी तरह से पीटा भी गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के ईशारे पर सरफराज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

कौन थे सरबजीत सिंह?

सरबजीत सिंह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव के रहने वाले ‍किसान थे। 30 अगस्त 1990 को वह अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए थे जहां उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। तब सरबजीत की उम्र सिर्फ 26 साल थी।

इसके बाद पाकिस्तान की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम विस्फोट में कम से कम 14 लोगों की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार द्वारा मौत की सजा को बार-बार स्थगित किया गया था।

इसके बाद अप्रैल 2013 में लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह पर साथी कैदियों – अमीर सरफराज उर्फ तांबा और मुदस्सिर मुनीर ने ईंटों और लोहे की रॉड से हमला कर दिया और पॉलिथीन से गला घोंटकर उसकी जान ले ली।

सरबजीत ने चिट्ठी के जरिए सुनाई थी दास्तां

भारतीय नागरिक सरबजीत पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में रहते हुए भारत भेजी अपनी चिट्ठी में लिखा थाः ‘मुझे पिछले दो तीन महीनों से खाने में कुछ मिलाकर दिया जा रहा है। इसे खाने से मेरा शरीर गलता जा रहा है। मेरे बाएं हाथ में बहुत दर्द हो रहा है और दाहिना पैर लगातार कमजोर होता जा रहा है। खाना जहर जैसा है। इसे ना तो खाना संभव है, ना खाने के बाद पचाना संभव है’।

सरबजीत ने चिट्ठी तब लिखी थी, जब लाहौर के कोट लखपत जेल में दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गया था लेकिन जेल अफसरों का कसाई से भी बदतर व्यवहार जारी था।

कोर्ट ने कर दिया था सरफराज को बरी

सरबजीत की हत्या के लिए अमीर सरफराज उर्फ तांबा और मुदस्सिर मुनीर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पाकिस्तानी अदालत ने 2018 में “सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष के गवाहों के मुकरने के कारण” आरोपियों को बरी कर दिया था।

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