नई दिल्ली, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Electoral Bonds: चुनाव आयोग ने चुनावी पारदर्शिता के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च 2024 को चुनाव आयोग (ईसीआई) को इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित डेटा मुहैया करा दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने डेडलाइन से एक दिन पहले ही गुरुवार (14 मार्च, 2023) को ये डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया।
बता दें, लिस्ट में अम्बानी-अडानी की कंपनियों के नाम नहीं हैं, जिनका नाम लेकर राहुल गाँधी भाजपा पर निशाना साधते रहे हैं। डेटा को 2 भागों में अपलोड किया गया है। पहले हिस्से और दूसरे हिस्से को इन लिंक्स पर जाकर आप देख सकते हैं।
तमिलनाडु की कंपनी ने दिया सबसे ज्यादा चंदा
चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों में 12,155.51 करोड़ के बॉन्ड का विवरण दिया गया है जो लगभग पांच वर्षों में 1,300 से ज्यादा कंपनियों की ओर से खरीदे गए। इन आकड़ों में तमिलनाडु की एक कंपनी का नाम चौंकाने वाला है। आंकड़ों के अनुसार गेमिंग व्यवसाय का संचालन करने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सबसे अधिक 1368 करोड़ रुपये की बड़ी राशि दान में दी है। दान देने में 1,000 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली यह एकमात्र कंपनी है।

इसके अलावा दूसरे स्थान पर ‘मेघा इंजीनियरिंग एन्ड इंफ़्रास्ट्रक्चर्स’ आता है, जिसने 966 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। तीसरा स्थान ‘Qwik Supply Chain’ का है, जिसने 410 करोड़ रुपए के बॉन्ड्स खरीदे। ‘हल्दिया एनर्जी’ ने 377 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। वेदांत ने भी 400 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं।
केंद्रीय जाँच एजेंसियों की रडार पर फ्यूचर गेमिंग
आपको बता दें, सबसे ज्यादा चुनावी चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज केंद्रीय जाँच एजेंसियों की रडार पर है। ईडी ने अप्रैल 2022 में लॉटरी टिकट घोटाले में इस कंपनी के ठिकानों पर छापा मारकर 410 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। अक्टूबर 2023 में इनकम टैक्ट डिपार्टमेंट ने भी फ्यूचर गेमिंग के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी।
हाल ही में फ्यूचर गेमिंग कम्पनी के मालिक मार्टिन के दामाद आधव अर्जुन और उनकी प्रॉपर्टी पर भी ईडी ने छापा मारा था। ये एक्शन तमिलनाडु में सैंड माइनिंग से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर जांच के तहत लिया गया था।

चंदा देने वाली टॉप कंपनियां
- फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज – 1,368 करोड़ रुपये
- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – 966 करोड़ रुपये
- क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड – 410 करोड़ रुपये
- वेदांता लिमिटेड – 400 करोड़ रुपये
- हल्दिया एनर्जी लिमिटेड – 377 करोड़ रुपये
- भारती एयरटेल ग्रुप – 247 करोड़ रुपये
- एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड – 224 करोड़ रुपये
- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन – 220 करोड़ रुपये
- केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड – 194 करोड़ रुपये
- मदनलाल लिमिटेड – 185 करोड़ रुपये
- डीएलएफ ग्रुप – 170 करोड़ रुपये
- यशोदा सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल – 162 करोड़ रुपये
- उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल – 145.3 करोड़ रुपये
- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड – 123 करोड़ रुपये
- बिड़ला कार्बन इंडिया – 105 करोड़ रुपये
- रूंगटा संस – 100 करोड़ रुपये
- डॉ रेड्डीज – 80 करोड़ रुपये
- पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप – 60 करोड़ रुपये
- नवयुग इंजीनियरिंग – 55 करोड़ रुपये
- शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स – 40 करोड़ रुपये
- एडलवाइस ग्रुप – 40 करोड़ रुपये
- सिप्ला लिमिटेड – 39.2 करोड़ रुपये
- लक्ष्मी निवास मित्तल – 35 करोड़ रुपये
- ग्रासिम इंडस्ट्रीज – 33 करोड़ रुपये
- जिंदल स्टेनलेस – 30 करोड़ रुपये
- बजाज ऑटो – 25 करोड़ रुपये
- सन फार्मा लैबोरेटरीज – 25 करोड़ रुपये
- मैनकाइंड फार्मा – 24 करोड़ रुपये
- बजाज फाइनेंस – 20 करोड़ रुपये
- मारुति सुजुकी इंडिया – 20 करोड़ रुपये
- अल्ट्राटेक – 15 करोड़ रुपये
- टीवीएस मोटर्स – 10 करोड़ रुपये
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राजनीतिक दलों पर एक नजर
चुनाव आयोग द्वारा अपलोड की गई जानकारी में दूसरी सूची के अंदर पार्टियों का जिक्र है। इसमें पहले नंबर पर बीजेपी है, जिसे 2363 करोड़ से ज्यादा का चंदा मिला है। दूसरे नंबर पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी है, जिसे 416 करोड़ से ज्यादा का चंदा मिला। वहीं, बीजू जनता दल तीसरी सबसे ज्यादा चंदा पाने वाली पार्टी है, जिसे 328 करोड़ का चंदा मिला। वहीं, कांग्रेस को 302 करोड़ और डीएमके को 294 करोड़ रुपए का चंदा मिला।
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