माले, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। India Vs Maldives : भारत से पंगा लेकर मालदीव का हाल-बेहाल हो गया है। अर्थव्यवस्था तबाही के रास्ते पर निकल पड़ी है। इसका प्रमुख कारण भारतीयों द्वारा चलाया जा रहा बहिष्कार अभियान है। दरअसल, हाल ही में मालदीव की नयी नवेली सरकार के मंत्रियों ने भारतीय प्रधानमंत्री और भारतीयों को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां की थी जिसके बाद भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। इसका असर यह हुआ है कि भारत से मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है इस कारण वहां की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है। इसी के चलते मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने भारतीयों से माफ़ी मांगी है।
क्या बोले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने बहिष्कार को लेकर चिंता जताई है साथ ही कहा है कि इससे देश के पर्यटन पर असर पड़ा है। मोहम्मद नशीद ने मालदीव के लोगों की ओर से भारतीयों से माफी भी मांगी और कहा कि वह चाहते हैं कि भारतीय पर्यटक उनके देश में आते रहें।
मीडिया बातचीत में उन्होंने कहा कि, “बहिष्कार ने मालदीव पर बहुत प्रभाव डाला है, और मैं वास्तव में इसे लेकर बहुत चिंतित हूं। मैं कहना चाहता हूं कि मुझे और मालदीव के लोगों को इसका खेद है। हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं और हमारे आतिथ्य में कोई बदलाव नहीं होगा।”
पूर्व राष्ट्रपति ने हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और कहा, “मैं कल रात प्रधान मंत्री से मिला। पीएम मोदी ने हम सभी को शुभकामनाएं दीं। मैं पीएम नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा समर्थक हूं और मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं देता हूं।”
उन्होंने बहिष्कार के लिए जिम्मेदार लोगों को हटाने में वर्तमान राष्ट्रपति द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की भी सराहना की। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे लगता है कि इन मामलों को सुलझाया जाना चाहिए और हमें रास्ता बदलकर अपने सामान्य रिश्ते की ओर लौटना चाहिए।”
भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों में 33 फ़ीसदी की गिरावट
आपको बता दें, भारत के साथ विवाद ने मालदीव का हाल बेहाल कर दिया है। दरअसल, पर्यटकों की कमी के कारण मालदीव का पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मालदीव पर्यटन मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 33 प्रतिशत की गिरावट आई है।
पर्यटन मंत्रालय के 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 4 मार्च तक 41,054 भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का दौरा किया था। वहीं, इस वर्ष 2 मार्च तक भारतीय पर्यटकों की संख्या 27,224 दर्ज की गई। मालदीव स्थित अधाधू ने बताया कि यह पिछले साल की तुलना में 13,830 कम था।
पिछले वर्ष की समान अवधि में, भारत 10 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ मालदीव में पर्यटकों के लिए दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बाजार था। हालांकि, भारत अब छह प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सूची में छठे स्थान पर है।
इस तरह हुई विवाद की शुरुआत
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई थी, जब मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर अपमानजनक टिप्पणी कीं। उस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस द्वीप समूह को पर्यटन के रूप में विकसित करने का आह्वान किया था। इस आह्वान पर मालदीव के मंत्रियों की पीएम मोदी और भारत पर अशोभनीय टिप्पणी की थीं, जिसके बाद राजनयिक विवाद खड़ा हो गया था।
भारत ने दिल्ली स्थित मालदीव के राजदूत को तलब कर कड़ा विरोध जताया था। इस विरोध का असर भी दिखा था और अभद्र टिप्पणियाँ करने वाले तीन मंत्रियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया था। मालदीव की यह कार्रवाई भारत की जनता को नाकाफी लगी। भारत में मालदीव के बॉयकॉट का अभियान चलाया गया, जिसमें फिल्म जगत सहित कई क्षेत्रों की हस्तियों ने मालदीव की आलोचना की थी।
पर्यटकों में होगी और गिरावट
वर्तमान हालातों को देख कर कुछ विशेषज्ञ यह मानते हैं कि आने वाले समय में इन आँकड़ों में और अधिक गिरावट आ सकती है। इस तरह पर्यटन भर पूरी तरह टिकी मालदीव की अर्थव्यवस्था अब भरभराकर गिरने की कगार पर पहुँच गई है।
[…] यह भी पढ़ें : भारत से पंगा लेकर मालदीव का हाल-बेहाल, 3… […]