नई दिल्ली, उज्जवल इंण्डिया न्यूज़ डेस्क। Arvind Kejriwal Latest News: दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद CM अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को एक और झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने तिहाड़ जेल में उन्हें इंसुलिन उपलब्ध करवाने और चिकित्सकों से हर रोज 15 मिनट परामर्श करने की अनुमति मांगी थी। उनकी इस याचिका का जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विरोध किया था। केजरीवाल पर ईडी ने आरोप लगाया था कि वह जानबूझ कर मीठी चीजें खा रहे हैं जिससे उन्हें मेडिकल आधार पर जमानत मिल सके।
केजरीवाल का खाना-व्यायाम तय करेगा AIIMS का बोर्ड
स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने अपने आदेश में कहा कि केजरीवाल को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अदालत ने अपने निर्देश में कहा कि विशेष परिस्थितियों में जेल प्रशासन एम्स निदेशक द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड की सलाह लेकर उपचार उपलब्ध कराया जाए। इसी के साथ अदालत ने एम्स को निर्देश दिया है कि वो एक मेडिकल बोर्ड का गठन करे और यह बोर्ड अरविदं केजरीवाल के हेल्थ की जांच करेगी।
अदालत ने अपना आदेश में साफ किया है कि मेडिकल बोर्ड इस बात का निर्णय करेगा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को इन्सुलिन दी जाए या नहीं। मेडिकल बोर्ड इस बात का निर्णय भी करेगा कि केजरीवाल को क्या खिलाया-पिलाया जाए और और अरविंद केजरीवाल किस तरह का वर्कआउट जेल में करेंगे? इस मेडिकल बोर्ड में एक Endocrinologist और एक Diabetologist होंगे।
ED ने क्या दावा किया था…
केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कोर्ट से कहा था कि केजरीवाल जमानत पाने के लिए खुद की तबियत खराब कर रहे हैं और इसके लिए वो तिहाड़ जेल में आलू-पूड़ी, आम और मिठाई खा रहे हैं।
ईडी का कहना था कि केजरीवाल को टाइप-2 डाइबिटीज है लेकिन वह जेल में आलू-पूड़ी, आम, मिठाई और अंडे खा रहे हैं। वह मेडिकल आधार पर जमानत लेने के लिए जानबूझकर मीठा खा रहे हैं ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़े और उन्हें जमानत मिल जाए।
केजरीवाल ने दी थी सफाई
अदालत में अरविंद केजरीवाल की तरफ से दलील दी गई कि अब तक घर से उन्हें जेल में 48 बार खाना भेजा गया है, जिसमें से सिर्फ तीन बार ही आम भेजे गए हैं। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने आठ मार्च के बाद से आम नहीं खाया है। आम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 51 होता है, जो चावल में 73 और ब्राउन राइस में 68 ग्लाइसेमिक इंडेक्स से कम है और डाइट चार्ट के तहत उन्हें इसकी मंजूरी दी गई है।
तिहाड़ में रोजाना मिठाई खाने के दावे पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह शुगर फ्री मिठाइयां खा रहे हैं, जिससे शुगर नहीं बढ़ता है। ये शुगर फ्री मिठाइयां अब तक सिर्फ छह बार ही खाई गई हैं। उन्होंने बताया कि शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए उन्हें एक अप्रैल के बाद से टॉफी और केले दिए जा रहे हैं जबकि मीठी चाय पीने के दावे पूरी तरह से गलत हैं। वह शुगर फ्री चाय पीते हैं और कभी मीठी चाय नहीं पी। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने जेल में रहते हुए सिर्फ एक बार ही आलू-पूड़ी खाई है और वह भी नवरात्रि के प्रसाद के तौर पर खाई है।
जेल प्रशासन ने क्या कहा था?
सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करते हुए कहा है कि जब अरविंद केजरीवाल जेल आए थे। तो उन्होंने बताया था कि वो पहले इंसुलिन ले रहे थे, लेकिन अब उन्होंने लेना बंद कर दिया है।
जेल प्रशासन ने बताया कि केजरीवाल की डाइट में फल का होना ज़रूरी नहीं है, पर वो ले रहे है। हकीकत तो ये है कि वो डॉक्टर के मुताबिक डायट ही नहीं ले रहे है। एम्स से भी हमने राय मांगी थी। एम्स के डॉक्टरो का भी कहना था कि उन्हें आम खाने से परहेज करना चाहिए। अभी केजरीवाल को जेल में इंसुलिन लेने की ज़रूरत नहीं है। अगर वो इंसुलिन लेंगे तो शुगर लेवल बहुत बुरी तरह से नीचे जाएगा।
जेल प्रशासन ने आगे बताया कि केजरीवाल को शुगर लेवल मेन्टेन रखने के लिए डाइट चार्ज फॉलो करना चाहिए। घर से आने वाला खाना डाइट चार्ट के हिसाब से होना चाहिए वरना घर के खाने को बंद करने का आवेदन दिया जाएगा।
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