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Congress में 5 पावर सेंटर…संगठन के तौर पर बिखरी पार्टी, कांग्रेस से इस्तीफा देकर संजय निरुपम ने गिनाए ये नाम

'5 power centres in Congress': Sanjay Nirupam vents out after 'expulsion'

मुंबई, उज्जवल इण्डिया न्यूज़ डेस्क। Sanjay Nirupam: लोकसभा चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस छोड़ने वाले महाराष्ट्र के दिग्गज नेता संजय निरूपम ने गुरुवार को गांधी परिवार पर जबरदस्त हमला बोला है। उन्होंने इस्तीफ़ा देने के बाद सबसे पुरानी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए।

कांग्रेस को दिशाहीन बताते हुए संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बिखरी हुई पार्टी है। पहले एक पावर सेंटर हुआ करता था। बाकी उसके दरबारी होते थे। लेकिन अब 5 पावर सेंटर और 5 लॉबी हैं, जिसमें एक सोनिया जी की, राहुल की, प्रियंका की, मल्लिकार्जुन खरगे की और पांचवीं वेणुगोपाल की है। सब एक-दूसरे से टकराते रहते हैं।

अध्यक्ष खड़गे पर साधा निशाना

संजय निरुपम ने कहा कि, मैं अकेला नहीं हूं, पार्टी के लाखों लोग हैं जो परेशान हैं। अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे) की लॉबी में ऐसे लोग शामिल हैं जिनके पास अनुभव तक नहीं है और अध्यक्ष से जुड़कर वो हाईकमान बन गए हैं।

केसी वेणुगोपाल है। वो भी अपने ढंग से राजनीति करते रहते हैं। वो हिंदी बोलते हैं किसी को समझ नहीं आता, अंग्रेजी बोलते हैं समझ नहीं आता और मलयाली बोलते हैं वो कोई समझ नहीं पाता।

कांग्रेस में चल रहा टकराव

संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस में लॉबियों के बीच टकराव चल रहा है। इन लोगों की लॉबियों के कारण योग्य लोगों का कष्ट बढ़ता जा रहा है। अंतत: मेरा धैर्य टूटा और आज आपके सामने बैठे हैं। कार्यकर्ताओं में निराशा गहराती जा रही है। वैचारिक और संगठनात्मक रूप से कांग्रेस पार्टी अव्यवस्था की स्थिति में है। कांग्रेस का वास्तविकता से संपर्क टूट गया है। उन्होंने कहा कि आधे लोग पुराने हो चुके हैं और उन्हें खत्म करना होगा।

कांग्रेस ने राम को ही नकार दिया था

संजय निरुपम ने कहा सेक्युलरिज्म में धर्म का विरोध नहीं, सर्व धर्म सद्भाव होना चाहिए। मगर कांग्रेस ने नेहरूवियन सेक्युलरिज्म के विचार को अपनाया। वामपंथी रामलला का सीधा विरोध करेंगे। अब कांग्रेस उसी राह पर आगे चल पड़ी है, इसलिए रामलला विराजमान के कार्यक्रम का कांग्रेस ने सीधे तौर पर विरोध किया।

पार्टी में आधे से ज्यादा लोग आउट-डेटेड और स्क्रैप मटेरियल

पत्रकार वार्ता में संजय ने आगे कहा कि कांग्रेस में ऐसे नारे बनते हैं, जो घर में भी एक से दो बार नहीं बोले जा सकते। इस पार्टी में आधे से ज्यादा लोग आउट-डेटेड और स्क्रैप मटेरियल हैं। इसीलिए कांग्रेस का ये हाल है और वैचारिक स्तर पर द्वंद चल रहा है। बड़े-बड़े लोग पहले मंदिर या धार्मिक स्थानों पर जाने से कतराते थे। मगर, अब ऐसा नहीं है।

खंडहर हो चुकी कांग्रेस

निरुपम के हमले यहीं नहीं रुके। कांग्रेस के साथ ही उन्होंने एनसीपी शरद गुट और उद्धव ठाकरे की पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होंने इन तीनों पार्टियों को लॉस मेकिंग यूनिट और टूटी-फूटी पार्टी करार दिया। कहा कि कांग्रेस का हाल बिहार की चीन मिल की तरह है। ये खंडहर हो चुकी पार्टी है। ये सबसे कमजोर संगठन है। इसके पास कोई फैसला लेने वाला नेतृत्व नहीं है।

क्यों छोड़ी कांग्रेस

इसके अलावा संजय निरुपम ने ये भी बताया कि वो कांग्रेस से क्यों नाराज थे। उन्होंने बताया, “महाराष्ट्र में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने उनके दबाव में आकर समर्पण करके शिवसेना (यूबीटी) के साथ उनकी शर्तों पर गठबंधन किया और जिस तरह से कांग्रेस ने सीटें छोड़ीं। यही कारण है कि मैं नाराज था। आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी कमजोर हो जाएगी और धीरे-धीरे मुंबई में दब जाएगी…मैं किस पार्टी में शामिल होऊँगा, यह मैं आपको आने वाले दिनों में बताऊँगा भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी भी चरम पर है और लगातार बढ़ रही है।”

महाराष्ट्र कांग्रेस में उठापटक का तूफ़ान

आपको बता दें, बताते चलें कि महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें छह साल तक के लिए पार्टी से निष्कासित किया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। कांग्रेस और संजय के बीच कई दिनों से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। खास तौर से मुंबई पश्चिम की सीट पर उद्धव ठाकरे की ओर से अमोल कीर्तिकार को टिकट दिए जाने के बाद से संजय कांग्रेस पर भड़के हुए थे।

इसके अलावा वो अमोल पर भी लगातार निशाना साध रहे थे। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि या तो निरुपम कांग्रेस को छोड़ सकते हैं या फिर कांग्रेस उन पर कोई कार्रवाई कर सकती है। बुधवार दोपहर कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची से निरुपम को बाहर कर इसके संकेत भी दिए थे।

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